वैभव श्रीधर/भोपाल। पदोन्नति का रास्ता न होने से एक ही पद पर बरसों से काम कर रहे प्रदेश 60 हजार कार्यभारित कर्मचारियों को सरकार अब समयमान वेतनमान का लाभ देगी। इससे पदोन्नति नहीं होने पर भी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान नहीं होगा। 10 और 20 साल की सेवा करने पर दो समयमान वेतनमान मिलेंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को पदोन्नति का पद नहीं होने पर 8 और 16 साल में समयमान वेतनमान मिल जाता है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के लिए 10 और 20 साल में समयमान वेतनमान देने का नियम है, पर कार्यभारित कर्मचारियों को लेकर स्पष्ट प्रावधान हीं नहीं था। इसके चलते बरसों काम करने के बाद भी आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलता था।
ये मुद्दा कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने उठाया था। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा के सामने परामर्शदात्री समिति की बैठक में भी ये मामला उठा था। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया उसके मुताबिक 10 और 20 साल नौकरी करने वाले कर्मचारियों को समयमान वेतनमान मिल जाएगा। इससे उनका मूल वेतन बढ़ जाएगा।
ये हैं कार्यभारित कर्मचारी
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर कार्यभारित कर्मचारी निर्माण विभागों में काम कर रहे हैं। इनमें कुछ समयपाल और सब इंजीनियर भी हैं। इन्हें छठें वेतनमान सहित सभी सरकारी सुविधाएं तो मिल रही हैं, लेकिन पदोन्नति के पद नहीं होने के कारण जहां के तहां बरसों से काम कर रहे हैं।
अनुकंपा नियुक्ति में पेंच
कार्यभारित कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें अनुकंपा नियुक्ति भी दी जाए, पर सरकार तैयार नहीं है। परामर्शदात्री समिति की बैठक में भी यह विषय उठा था, पर इसको लेकर अब तक सहमति नहीं बन सकी है।
सैद्धांतिक सहमति
सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य का कहना है कि कार्यभारित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने को लेकर सैद्धांतिक सहमति तो बन चुकी है, इसे अंतिम रूप देने एक दौर की बैठक जल्दी होगी।