बीजेपी सिंहस्थ का गेंहू बेचकर कर्ज चुकाएगी: जिलाध्यक्ष

भोपाल। सिंहस्थ के लिए एकत्र 500 क्विंटल गेहूं सतना के भाजपा संगठन ने उज्जैन नहीं भेजा है। इस गेहूं को बेचकर अब पार्टी अपना कर्ज चुकाने की तैयारी कर रही है। सतना जिला अध्यक्ष के इस बयान के बाद स्थानीय भाजपा में हड़कम्प मचा गया है। जिला अध्यक्ष के बयान की जब सार्वजनिक तौर पर किरकिरी होने लगी तो उन्होंने सफाई दी और कहा कि सिंहस्थ में लगे टेंट का कर्ज चुकाने के लिए यह बात कही गई थी।

दो दिन पहले सतना में हुई पार्टी की जिला कार्य समिति की बैठक में कई विधायक और स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह बात सामने आई कि सतना जिले से आस्था के नाम पर एकत्र किया गया गेहूं उज्जैन नहीं पहुंचा है। इस पर पार्टी की बैठक में ही सतना जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि सिंहस्थ के लिए इकट्ठा किए गए गेहूं को उज्जैन नहीं भेजा। अब इस गेहूं को बेचकर कर्ज की राशि अदा की जाएगी। इसके बाद भाजपा नेताओं की कार्यशैली पर उठे सवाल के बाद स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल मच गई।

जिलाध्यक्ष बोले, सिंहस्थ के टेंट के खर्च का मांगा है पैसा
इस मामले पर बवाल मचने के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष ने कल एक लिखित बयान जारी कर सफाई देते हुए कहा कि सतना जिला भाजपा पर कोई कर्ज नहीं है और सिंहस्थ के लिए संग्रहित अनाज एवं राशि उज्जैन भेजी जा चुकी है। जिन कार्यकर्ताओं से सहयोग नहीं मिल पाया था उनसे सहयोग मांगा गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिस कर्ज की बात कही थी उसका आशय उज्जैन में सिंहस्थ में पार्टी द्वारा लगाए टेंट आदि के लिए सतना हिस्सा भेजना था।

जमा हुए 15 लाख, भेजे 1.5 लाख 
सूत्र बताते हैं कि 500 क्विंटल गेहूं एकत्र करने के साथ भाजपाईयों ने आम जनता से दान भी लिए थे। इस तरह करीब दस लाख रुपए के गेहूं और पांच लाख रुपए के करीब दान की राशि एकत्र होने की बात कही जा रही है। इस पूरी राशि को श्रद्धालुओं के हित के बजाय भाजपा के हित में खर्च करने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं गेहूं भेजने के लिए प्रभारी भाजपा नेता श्रीराम मिश्रा ने डेढ़ लाख रुपए नकद प्रदेश भाजपा को भेजने की बात कहकर पूरे मामले को और उलझा दिया है।
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