मप्र का आदिवासी कर्मा नृत्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

भोपाल। आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले की समृद्ध लोक संस्कृति एवं लोक कला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा 2 दिवसीय आदि उत्सव का आयोजन 10-11 अप्रैल को किया गया था। इसी कड़ी में महात्मा गांधी स्टेडियम में आदिवासियों का लोक नृत्य कर्मा की शानदार सामूहिक प्रस्तुति के जरिये गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की कोशिश की गयी थी।

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने गुरुवार को बताया कि कर्मा नृत्य की प्रस्तुति को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अब अधिकृत रूप से दर्ज कर लिया गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने अधिकृत रूप से इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी है जिसमें यह कहा गया है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए कर्मा नृत्य के दावे को स्वीकार कर लिया गया है। 

कर्म देवता को समर्पित है कर्मा नृत्य
कर्मा नृत्य गोंड जनजाति का प्रमुख लोक नृत्य है। यह नृत्य कर्म देवता को समर्पित है। कर्मा नृत्य पद संचालन एवं गीत पर आधारित है। नई फसल के आने पर आदिवासी भादों के शुक्ल पक्ष में आदिवासी ग्यारस के दिन बड़ा एवं अन्य देवी समेत धरती माता की आराधना के लिए कर्मा नृत्य खुशी से करते हैं और लोकगीत गाते हैं। 

इसमें महिला एवं पुरुषों की समान भागीदारी होती है। आदिवासियों के इस प्रमुख लोक नृत्य को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के मकसद से मंडला के गांधी मैदान में 3050 स्कूली छात्र-छात्राओं ने एक साथ परंपरागत वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया था। यह नृत्य 8 मिनट 13 सेकंड का रहा। 

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