ये रहा केजरीवाल की डिग्री का असली सच

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नई दिल्ली। भारत में सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अजीब किस्म की फौज सक्रिय है। यह फौज झूठे आंकड़े जुटाकर कुछ इस तरह से फर्जी दावे पेश करती है कि आम आदमी उन्हे सच मान बैठता है। इस फौज को 'भक्तजनों' के नाम से भी पुकारा जाता है। पिछले दिनों जब केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए तो जवाब में भक्तजनों ने केजरीवाल के आईआईटी एडमिशन को टारगेट पर ले लिया था। कुछ इस तरह का दावा किया गया कि हरकोई उसे सच मान बैठा परंतु जब पड़ताल की गई तो पता चला कि 'भक्तजनों' का दावा फर्जी था। 

सोशल मीडिया पर भक्तजनों ने दावा किया था कि केजरीवाल ने आईआईटी में दाखिला अपनी काबिलियत से नहीं बल्कि कोटे के दम पर लिया था। अरविंद केजरी वाल उद्योगपति जिंदल के कोटे से आईआईटी में दाखिल हुए थे।

वायरल मैसेज में लिखा है एक आरटीआई के जवाब में IIT खड़गपुर ने बताया है कि केजरीवाल का आईआईटी खड़गपुर में दाखिला ऑल इंडिया रैंकिंग के आधार पर नहीं बल्कि कॉरपोरेट गार्जियन कोटे से हुआ है। जिंदल ग्रुप ने आईआईटी खड़गपुर में कई ब्लॉक्स बनवाए हैं और काफी पैसे दान किए हैं जिसके बदले में अपने दो कैंडिडेट को आईआईटी खड़गपुर में नॉमिनेट करता है।

आगे लिखा है कि जिंदल ग्रुप की सहायक कंपनी इंडांस स्प्रिंग्स लिमिटेड के कोटे से केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लिया। वायरल मैसेज के जरिए केजरीवाल के सामने चुनौती पेश करते हुए कहा गया है कि अगर केजरीवाल सच्चे हैं ऑल इंडिया रैंकिंग देश के सामने दिखाकर इस खबर को झूठा साबित करें।

आपको बता दें कि आईआईटी खड़गपुर देश का पहला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी है जिसकी स्थापना साल 1951 में की गई थी। देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में आईआईटी की गिनती होती है। एबीपी न्यूज ने वायरल हो रहे इस मैसेज का सच जानने के लिए आईआईटी खड़गपुर के रजिस्ट्रार प्रदीप पायने से बात की।

पड़ताल में सामने आया साल 1989 में अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। आईआईटी में दाखिले के लिए केजरीवाल को ऑल इंडिया में 563 वीं रैंक मिली थी। इतनी अच्छी रैंक पर कोटे की जरूरत तो पड़ती ही नहीं। साथ ही रजिस्ट्रार ने साफ किया कि आईआईटी में जिंदल का ऐसा कोई कॉरपोरेट कोटा नहीं है।

इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज ने अरविंद केजरीवाल का पक्ष जानने की कोशिश की। केजरीवाल के दफ्तर से हमें ये जानकारी मिली कि आईआईटी में दाखिले के लिए दी गई परीक्षा में उन्हें 563 वीं रैंक मिली थी। एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा ये मैसेज झूठा साबित हुआ है।
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