कर्मचारी सरकारी हो या प्राइवेट पेंशन मिलना चाहिए

नई दिल्ली। लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने सभी वेतनभोगी कर्मियों को पेंशन के दायरे में लाने की और न्यूनतम पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग उठाई।

आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कर्मचारी भविष्य निधि पेंशनभोगियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिहाज से कदम उठाने के संबंध में 11 दिसंबर, 2015 को पेश अपने ही संकल्प पर आगे की चर्चा में कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना 1971 में लाई गयी थी और उसे 44-45 साल हो चुके हैं, तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 1995 में तत्कालीन श्रम मंत्री पी ए संगमा ने सदन में ही घोषणा की थी कि योजना की हर 10 साल में समीक्षा की जाएगी लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया।

प्रेमचंद्रन ने कहा कि पेंशन का आंकलन करने का कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है और अधिकारी भी नहीं बता पाते कि जिस आधार पर पेंशन तय होती है वह कैसे तय हुआ। उन्होंने मांग की कि सभी पीएफ पेंशनधारकों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) का लाभ मिलना चाहिए।

आरएसपी सदस्य ने अपने निजी संकल्प के माध्यम से मांग रखी कि पीएफ का ऐसा हजारों करोड़ रुपया बिना खर्च के पड़ा है जिसका कोई दावेदार नहीं है। इस धन का उपयोग पेंशनभोगियों के सामाजिक कल्याण के लिए होना चाहिए। उन्होंने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से 3000 रुपये प्रति माह करने की मांग की।

भाजपा के किरीट सोलंकी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने ऐसे कदम उठाये हैं जिससे 50 लाख श्रमिकों को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने पेंशन सोसायटी बनाने की बात कही है और अटल पेंशन योजना शुरू की है। भविष्य में इसका दायरा और बढ़ने की उम्मीद है। सोलंकी ने कहा कि भाजपा की सरकार ने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये प्रतिमाह करके बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अहमदाबाद के बेरोजगार पूर्व कपड़ा मिल कर्मचारियों के पुनर्वास के बारे में सरकार से ध्यान देने की मांग की।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!