
न्यूड फोटो और MMS बनाकर करता रहा 1 साल तक रेप
26 जनवरी साल 2010 को कानपुर के पुलिस लाइन में सीओ कैंट कैप्टन अमरजीत शाही से मिली थी। धीरे-धीरे हमारे बीच दोस्ती हो गई। इस बीच अमरजीत कभी पत्नी के साथ तो कभी अकेले घर आने लगा। मेरे परिजन भी उसके घर आते-जाते थे लेकिन उसके इरादों से मैं और मेरा परिवार अंजान था। 8 नवंबर 2010 की दोपहर करीब एक बजे अमरजीत घर आया था। उस समय घर पर मैं अकेली थी। ठंड ज्यादा होने की बात कहकर मुझसे एक कप चाय बनाने के लिए कहा। मैं जब चाय बनाकर आई, तो उसने पानी मांगा। मैं जब पानी लेने गई, तो उसने चाय में नशीला प्रदार्थ मिला दिया। चाय पीने के बाद मुझे कुछ होश नहीं रहा। इस दौरान क्या हुआ मुझे नहीं पता। बाद में शाही ने जब मेरी न्यूड फोटो और MMS दिखाई तो मेरे पैरों तले मानों जमीन खिसक गई।
इस फोटो और MMS को पब्लिकली करने की धमकी देकर शाही ने एक साल तक मेरे साथ रेप किया। एक बार मैंने जब उसके साथ रिलेशन बनाने से मना किया तो उसने अपना रिवाल्वर दिखाकर कहा, इससे कई लोगों का एनकाउंटर किया है। ना जाने कितनों को जेल में सड़ा चुका हूं। मैं सीओ हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरा तो कुछ नहीं होगा, लेकिन तुम्हारे परिवार को जेल में सड़ा दूंगा।
कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका अमरजीत
साक्षी ने बताया, अमरजीत हमेशा कहता था कि तुम मेरी जिंदगी में कोई अकेली लड़की नहीं हो। वह कानपुर से लखनऊ और मथुरा तक ना जाने कितनी लड़कियों के साथ रेप कर चुका है। लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनकी मजबूरियों का फायदा उठना उसकी आदत बन चुकी थी। कोई भी लड़की उसके रसूख के आगे जुबान नहीं खोल पाती थीं।
परिवार को जान से मारने की धमकी देता था आरोपी
उसने बताया, कई बार रेप होने के बाद मैं अंदर से टूट चुकी थी। इसी का नतीजा था कि 13 मार्च 2012 को मैंने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की लेकिन मैं बच गई। इसके बाद मैंने अय्याश को सजा दिलाने की ठान ली। मैंने अपने मम्मी-पापा को सच्चाई बताई और 13 मार्च 2012 को चकेरी थाने में अमरजीत के खिलाफ शिकायत पत्र दिया। 15 मार्च 2012 को मेरा शिकायती पत्र स्वीकार कर अमरजीत के खिलाफ FIR दर्ज किया गया। 9 अप्रैल 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई। 18 अप्रैल 2012 को अमरजीत को जेल हुई। 29 मई 2012 से ट्रायल शुरू हुआ। इसके बाद जून 2013 को वह बेल पर जेल से बाहर आ गया। बाहर आने के बाद उसने कई बार मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। जब इससे बात नहीं बनी तो उसने शहर में अफवाह फैला दी कि मेरे पापा ने लाखों रुपए लेकर केस वापस ले लिया है। 18 मई 2015 को कोर्ट ने अमरजीत को 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।
साक्षी ने कहा, बेशर्म था अमरजीत शाही
साक्षी ने कहा, रेप के बाद न्याय पाने के लिए जो जलालत झेलनी पड़ती है, वह जीवन का सबसे बुरा अनुभव होता है। अमरजीत बहुत बेशर्म इंसान था। उसकी हंसी मेरे लिए एक सबक थी। मुझे बर्बाद करने के बाद भी वो हंस रहा था लेकिन हर लड़की ना ही पैसे पर बिकती है और ना ही किसी और चीज के सामने झुकती है।