ग्वालियर। शिक्षकों की ड्यूटी गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाई जा रही है, जो गलत है। 45 दिन की छुट्टी उनका अधिकार है, लेकिन इसके बाद भी शिक्षकों को यह हक प्रदान नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों से बीएलओ कार्य, ग्रामोदय से भारत उदय और परिवार सर्वेक्षण कार्य करवाया जा रहा है।
यह बात मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह सिकरवार व संयोजक पवन भटनागर ने शुक्रवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। उनका कहना था कि गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के आदेश के बावजूद शिक्षकों को यह कार्य करने पड़ रहे हैं। शिक्षकों को वर्ष में 45 दिवस की अतिरिक्त छुट्टी ग्रीष्मकालीन अवकाश के रूप में मिलती है। अन्य कर्मचारियों को भी द्वितीय एवं तृतीय शनिवार सहित 25 से 30 छुट्टी अन्य शासकीय छुट्टी के अलावा प्रदान की जाती है। शिक्षकों को पारिवारिक कार्य करने के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता है, लेकिन उनका यह अधिकार छीनकर उनकी ड्यूटी गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगा दी जाती है। इस अवसर पर संयुक्त सचिव नंदकिशोर गोस्वामी, जिला महामंत्री सुरेंद्र सिंह भदौरिया, जिला उपाध्यक्ष मुन्नीराम शर्मा आदि मौजूद थे।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।