भोपाल। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने हाल में देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों की सूची में मप्र का एक भी ऐसा ENGINEERING COLLEGE या UNIVERSITY नहीं है जो गुणवत्ता के मानकों पर खरी उतरी है। जबकि इंदौर का SGSITS, RGPV का UIT, DAVP इंदौर का IET तथा BUIT ऐसे संस्थान हैं, जिनके बारे में शिक्षाविद् अच्छी राय रखते हैं। इंदौर का एसजीएसआईटीएस तो 60 साल पुराना संस्थान है। शिक्षाविदों का कहना है कि यह सब इसलिए हो रहा है कि मप्र में अच्छे संस्थान बनाने के लिए न PROPER PLANING है, न ही BRANDING की कोई तैयारी और न ही तकनीकी शिक्षण संस्थान के लिए अच्छी लीडरशिप सामने आई है।
मप्र में इस समय 195 निजी इंजीनियरिंग कॉलेज व संस्थान हंै तथा 9 शासकीय तकनीकी संस्थान हैं। इनमें भोपाल का MANIT भी शामिल है। तकनीकी शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि RANKING के मापदंड कहते हैं कि अधिक से अधिक 15 छात्रों पर एक सीनियर फैकल्टी होनी चाहिए। मप्र में यह अनुपात 1 पर 25 से 30 छात्रों का है। इसके अलावा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर की रिसर्च गतिविधि नहीं होती। यदि कहीं राष्ट्रीय स्तर पर कुछ हुआ भी है तो उसकी ब्रांडिंग नहीं है।