
क्या है विशेष इस बार की जयंती में
इस वर्ष हनुमान जयंती के दिन तीन विशेष योग बनने वाले हैं एवं इस बार की जयंती चंद्रग्रहण मुक्त बनेगी। इस बार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को वज्र योग, सिद्धी योग और राज योग बनने के साथ ही उधा के सूर्य, उधा के शुक्र एवं सिंह राशि में गुरु तथा चंद्र व सूर्य की परस्पर दृष्टि बन रही है। खास बात यह है कि यह योग पूरे 12 वर्षों के बाद बन रहा है। माना जा रहा है कि इन विशेष योगों के कारण इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होगी।
हनुमान जी की पूजन विधि
हनुमान जयंती के दिन श्रद्धापूर्वक हनुमान जी की पूजा करें। पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हनुमान जी की पूजा में चन्दन, केसरी, सिन्दूर, लाल कपड़े और भोग हेतु लड्डू अथवा बूंदी रखने की परंपरा है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। सच्चे मन से मांगी गई मुराद को भगवान कभी अनदेखा नहीं करते। इस बार अपने भक्तों पर हनुमान जी की विशेष कृपा बरसने वाली है।
हनुमान जी के कष्ट निवारण मंत्र
श्री हनुमान मूल मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
ऊँ हं हनुमंताय नम:।
ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।