
पूर्व में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को अपनी पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन इनके द्वारा सौंपा जा चुका है। जिसमें आशा कार्यकर्ताओ ने कुशल श्रमिक के बराबर आठ हजार आठ सौ दस रूप्ए का मासिक मानदेय देने मांग की थी। साथ ही एक ग्राम में एक से अधिक आशा कार्यकर्ता होने पर प्रत्येक आशा के हिसाब से दस हजार रूप्ए का फंड देने की बात भी रखी थी। साथ ही उनको मिलने वाले काम के बदले मानदेय की प्रक्रिया को बंद करते हुए मासिक मानदेय का भुगतान करने की बात कही थी।
इसके अलावा आशाओं का कम से कम पांच लाख का बीमा कराने के साथ किसी भी राष्टीय कार्यक्रम जैसे पल्स पोलियो अभियान, फायलेरिया, कुष्ठ रोग में सहयोग देने पर उनको दो सौ रूप्ए दिन के हिसाब से अलग से राशि देने की मांग को दोहराया गया है। इन मांगों पर सप्ताह भर पहले मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिए जाने के बाद भी कार्रवाई तथा बातचीत नहीं होने के कारण जिले की आशा कार्यकर्ता अब धरना आंदोलन करने बैठ गई है।
इनका कहना है
मप्र आशा सामाजिक स्वास्थ्य संगठन समिति की अध्यक्ष ममता पटेेल ने बताया कि यह हम लोगों की आरपार की लडाई है। मांगों को सामने रखने के बाद भी शासन नहीं सुन रही है। यही कारण है कि सभी आशाओं को यह कदम उठना पडा है। शासन से हमारी मानदेय का निर्धारण करने की प्रमुख मांग है। यदि शासन हम लोगों को कलेक्टर रेट से भी दिन का भुगतान करती है तो वे काम करने तैयार है। लेकिन ऐसा नहीं होने पर हडताल करते हुए धरना जारी रहेगा।