कांग्रेस के मुस्लिम अभियान से घबराए मुल्ला मुलायम

नईदिल्ली। जब उत्तर प्रदेश में चुनाव महज कुछ महीने बचे हैं ऐसे में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की बेचैनी बढती जा रही है। कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा अल्पसंख्यक वोट बैंक पर बनायी जा रही रणनीति से सपा खेमे में बेचैनी साफ़ देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को डर है कि बसपा भी इस बार तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी का मजबूत वोट बैंक रहे मुसलमानों को अपने तरफ कर सकती है।

गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने दलितों और मुसलमानों को लेकर नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसी को लेकर अगले माह से कांग्रेस एक अभियान भी चला सकती है। इसी क्रम में गुरुवार को सिराज मेहँदी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में कई बदलाव भी किये।

इसकी पहली बानगी देखने को मिली सपा कार्यालय द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने मुलायम सिंह को मुसलामानों का सच्चा मसीहा बताते नजर आए। चौधरी ने कहा है कि आजादी के बाद से कई दशकों तक केन्द्र और राज्यों में राज करने वाली कांग्रेस को अब नए-नए इलहाम हो रहे हैं। खुद अपने कर्मों से सवर्ण, दलित और अल्पसंख्यकों के बीच कांग्रेस इसलिए अलोकप्रिय हुई क्योंकि वह इन सबके हितों की उपेक्षा करने लगी थी। आज स्थिति यह है कि केन्द्र से बेदखली झेल रही कांग्रेस की कई राज्यों में भी हालत डांवाडोल है। दलित और अल्पसंख्यक पूरी तरह कांग्रेस को नकार चुके हैं। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि समाजवादी पार्टी के विरुद्ध वह जो अभियान चलाना चाहती है उससे तो सांप्रादायिक तत्वों को ही ताकत मिल सकती है। उसे यह भी बताना होगा कि वह धर्मनिरपेक्षता की पक्षधर है या सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर समाज को तोड़ने वालों के साथ है।

राजेंद्र चौधरी ने आगे कहा कि थकी-हारी और निराश कांग्रेस के नेताओं को जब और कुछ नही सूझा तो वे समाजवादी सरकार पर अंगुली उठाने लगे हैं। जबकि हकीकत यह है कि अल्पसंख्यकों का भरोसा समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व पर रहा है. जब कभी अल्पसंख्यकों के हितो पर चोट पहुंची मुलायम ही उनके पक्ष में खुलकर खड़े हुए है। जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ने की साजिश हुई तो मुलायम सिंह यादव ने ही सांप्रदायिक उन्माद का सामना करते हुए मस्जिद को टूटने से बचाया था।

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि समाजवादी सरकार बनने के बाद से ही आतंकवादी बताकर किसी अल्पसंख्यक नौजवान को जेल में बंद नही किया गया है। बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की रिहाई में भी यह सरकार पीछे नही रही है। केन्द्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार के रहते सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग बने थे जिनकी सिफारिशें कांग्रेस राज में लागू नही हुई। उत्तर प्रदेश में तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण करते हुए कई योजनांए लागू की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को समाजवादी सरकार से कोई सवाल करने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!