जन्नत को नर्क में बदल दिया पाकिस्तान ने

राकेश दुबे@प्रतिदिन। काश्मीर के उस हिस्से से आ रही  आवाजें चौकानें वाली है, जो पाकिस्तान के कब्जे में है| यहाँ रह रहे कश्मीरियों के हिस्से में अत्याचार भेदभाव और वो सब आता है जिसे अमानवीय कह सकते हैं | धरती पर मौजूद इस जन्नत को पाकिस्तान ने नर्क में बदल दिया है। यहां पर अपने अधिकार की बात करना, इंसानियत की बात करना सबसे बड़ा गुनाह है। यहां जिंदा रहने की पहली शर्त है पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को सहना, पाकिस्तान सरकार के जुल्मों को बर्दाश्त करना। यहां दो जून की रोटी और नौकरी मांगने का मतलब है लाठियां खाना, गोलियां खाना। बीते कुछ महीनों से गुलाम कश्मीर का सच सामने आ रहा है। ये सच खौफनाक है, दर्दनाक है और इसलिए अब गुलाम कश्मीर में जोर पकड़ रही है एक मांग कि गुलाम कश्मीर खाली करो पाकिस्तान!

 हाल ही में मुजफ्फराबाद में सैकड़ों नौजवान ये आरोप लगाते हुए जमा हुए कि स्थानीय नौकरी में भी पाकिस्तान के ही युवकों को तरजीह दी जा रही है, लेकिन पुलिस ने इन नौजवानों के साथ जो किया उसने पूरी दुनिया का ध्यान फिर गुलाम कश्मीर की ओर खींच दिया है। दरअसल गुलाम कश्मीर में सरकारी नौकरी में, प्राइवेट नौकरी में पहला हक उन नौजवानों को मिलता है जो पाकिस्तान के रहने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन के छात्र मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जुटे। ये लोग मांग कर रहे थे कि गुलाम कश्मीर से पाकिस्तान अपना कब्जा हटाए। पाकिस्तान की पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज किया | हिरासत के बाद की तस्वीरें सामने नहीं आई हैं शायद कभी आ भी नहीं पाएंगी |गुलाम कश्मीर की तस्वीरें पाकिस्तान कभी दुनिया के सामने नहीं आने देता| पाकिस्तानी फौज की दरिंदगी लंबे वक्त तक दुनिया से छिपी रही है। यहां के लोग नर्क जैसी जिंदगी गुजार रहे थे। इसका पहली बार पता चला था जब 2005 में गुलाम कश्मीर में भूकंप आया। तब दुनिया भर से सामाजिक संगठन मुजफ्फराबाद और आसपास के इलाकों में गए। तब यहां के लोगो ने अपनी सच्चाई बयान की।वैसे पाकिस्तान ने इस इलाके को चीन के साथ दुरुभी संधियाँ की है | संयुक्त राष्ट्र को इस और भी देखना चाहिए |
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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