भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने आज संपन्न राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख अभियंता एमजी चौबे को लगातार पांचवी बार सेवावृद्धि दिये जाने की मंजूरी का तीखा विरोध करते हुए प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान से जानना चाहा है कि आखिरकार, प्रदेश के राजनैतिक व प्रशासनिक इतिहास में लगातार और सर्वाधिक पांचवी बार उन्हें दी गई इस सेवावृद्धि का राज क्या है और इस सेवावृद्धि के एवज में किसको कितना पैसा मिला है अथवा समूची मंत्रि परिषद इस महाभ्रष्टाचार के इस खेल में शामिल है?
आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा है कि क्या यह सच है कि इस प्रदेश के महत्वपूर्ण और कमाऊ जल संसाधन विभाग में चौबे के अलावा और कोई योग्य अधिकारी नहीं है या राज्य सरकार से उसका आर्थिक सौदा नहीं हो पा रहा है, यह महत्वपूर्ण तथ्य भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए? उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार के इस कदम से प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यदक्षता और मनोबल जहां प्रभावित होगा, वहीं अन्य अधिकारी अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस भी करेंगे।
मिश्रा ने म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति अजय मानिकराव खानविलकर से भी आग्रह किया है कि वे भारी भरकम लेनदेन के बाद हुए मंत्रिपरिषद की इस विषयक मंजूरी पर स्वतः संज्ञान लेकर प्रकाशित समाचार पत्र को ही याचिका के रूप में स्वीकार कर जनहित में निर्णय लें।