HomeLoan चाहिए, बस 2 महीने रुक जाइए

आप घर खरीदने के लिए कर्ज (होम लोन) लेने की योजना बना रहे हैं तो थोड़ा इंतजार करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इस साल बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 अप्रैल से होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट 50,000 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। वहीं 5 अप्रैल को रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा जिसमें नीतिगत दरों (रेपो) में 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद है। ऐसा होने पर बैंक कर्ज और सस्ता कर सकते हैं। पेश है एक रिपोर्टः

किसको मिलेगी छूट
बजट घोषणा के मुताबिक 50 लाख रुपये तक के मकान के लिए 35 लाख रुपये तक के कर्ज पर अतिरिक्त 50 हजार रुपये ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। मौजूदा समय में होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट सीमा दो लाख रुपये है। एसबीआई वर्तमान में 9.55 फीसदी ब्याज पर होम लोन दे रहा है। इस दर पर 35 लाख का कर्ज 20 साल के लिए लेते हैं तो ईएमआई 32,739 रुपये होगी। इस तरह ईएमआई के रूप में साल में कुल 3,92,867 रुपये चुकाएंगे। पहले साल ब्याज के रूप में 3,31,615 रुपये होंगे। दो लाख रुपये ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट मिलने की स्थिति में 1,31,615 रुपये आपको अपनी जेब से खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन 1 अप्रैल से ब्याज पर अतिरिक्त छूट मिलने की स्थिति में आपको 50 हजार रुपये की और बचत होगी। समय अवधि बढ़ने पर ईएमआई में ब्याज का हिस्सा घटने लगता है। 10वें साल में यह घटकर 2,48,682 रुपये हो जाएगा और 13वें साल में महज 2,01,065 रुपये हो जाएगा। इस तरह होम लोन के ब्याज भुगतान पर 50 हजार रुपये अतिरिक्त छूट मिलने पर 13 साल में आपको करीब 10 लाख रुपये की बचत होगी।

1. ब्याज घटने पर कितना फायदा
मौजूदा समय में 9.55} ब्याज पर 20 साल के लिए 35 लाख रुपये कर्ज पर पूरी लोन अवधि में कुल 78,57,340 रुपये चुकाने होंगे,लेकिन 0.25 फीसदी दरें घटती हैं तो कर्ज की ब्याज दर 9.30 फीसदी हो सकती है। इस तरह 35 लाख रुपये के 20 साल के कर्ज पर कुल 77,20,520 रुपये चुकाने होंगे। इस तरह ब्याज दरों में महज 0.25 फीसदी के अंतर से आप 20 साल में 1,26,820 रुपये बचा सकते हैं।

2. दरें घटने की उम्मीद क्यों बढ़ी
बजट में वित्त मंत्री ने इस साल भी महंगाई के नियंत्रण में रहने की बात कही है और राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5} तक रखने का लक्ष्य तय किया है। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने पहले संकेत दिया था कि सरकार खर्च पर अंकुश रखे और राजकोषीय घाटा को नियंत्रण में रहे तो आरबीआई के लिए दरों में बदलाव करना आसान हो जाएगा। वैश्विक वित्तीय संस्थान बैंक ऑफ अमेरिका-मेरिल लिंच ने अनुमान लगाया है कि आरबीआई अप्रैल में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है। कुछ अन्य विश्लेषकों का अनुमान है कि राजन मौद्रिक समीक्षा से पहले भी दरें घटा कर एक बार फिर सबको चौंका सकते हैं।

3. युवाओं को आसानी से कज
र्देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने युवा नौकरीपेशा लोगों को घर के लिए होम लोन की एक विशेष योजना पेश की है। इसके तहत वह युवाओं को उनके कमाई के हिसाब से ज्यादा कर्ज देगा। इसके तहत वह तीन से पांच साल युवाओं से पूरी ईएमआई चुकाने की बजाय केवल ब्याज चुकाने का विकल्प देगा। इससे उनपर ईएमआई का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।

4. नए नियम से ब्याज तय होगा
रिजर्व बैंक ने पिछले साल बैंको को उनकी लागत के आधार पर ब्याज तय करने का अधिकार दे दिया। दिशा-निर्देश के मुताबिक इस साल 1 अप्रैल से बैंक इसी आधार पर ब्याज दर तय करना शुरू कर देंगे। इससे कर्ज के ज्यादा किफायती होने की संभावना बढ़ेगी। पिछले साल रिजव बैंक ने 1.25 फीसदी नीतिगत दर घटाई जबकि बैंकों ने उसके मुकाबले महज 0.65 फीसदी तक कर्ज सस्ता किया। नए नियम से बैंक रिजर्व बैंक की ओर से दरों में कटौती नहीं होने की स्थिति में भी खर्च घटने पर कर्ज सस्ता कर सकेंगे। वहीं रिजर्व बैंक के दरों में कटौती के बाद बैंक उसी अनुपात में बैंकों से कर्ज सस्ता करने की संभावना बढ़ जाएगी।

5. शुरुआती भुगतान का प्रबंध पहले करें
बैंक घर की कुल कीमत का 80 से 90 फीसदी राशि ही कर्ज के रूप में देते हैं, शेष का इंतजाम खुद करना पड़ता है। ऐसे में 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने के लिए पांच से 10 लाख रुपये का इंतजाम करना होगा।
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