
परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि सीबीआई ने जो भी दस्तावेज मांगे थे, सभी उपलब्ध करा दिए गए हैं। उधर सीबीआई के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि रिकाॅर्ड मिल गया है। हालांकि सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह का कहना है कि इस मामले में सीबीआई एसटीएफ से मिली जानकारी के अलावा दस्तावेजों की पड़ताल से भी नए सुराग जुटाने की कोशिश कर रही है। जांच से जुड़ी चीजें बता पाना अभी संभव नहीं है।
20 लाख में तय हुआ था सिलेक्शन
एसटीएफ ने 13 अक्टूबर 2014 को परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की एफआईआर दर्ज की थी। 12 अगस्त 2012 को व्यापमं ने परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। 198 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में पास होने के लिए कई उम्मीदवारों का 20-20 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। मामले में एसटीएफ ने उम्मीदवारों व व्यापमं अधिकारियों सहित 34 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जुलाई में सीबीआई को यह जांच सौंपी गई। इसके बाद सीबीआई ने व्यापमं से परीक्षा का रिकाॅर्ड जब्त किया। हालांकि पिछले कुछ दिनों से ही इस मामले में सीबीआई ने जांच तेज की है।
क्या सारे लोग एक ही इलाके के हैं?
सीबीआई की शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि गलत तरीके से भर्ती होने वाले ज्यादातर उम्मीदवार महाराष्ट्र के किसी एक ही जिले से ताल्लुक रखते हैं। इस जिले से सरकार से जुड़े बड़े नामों का गहरा रिश्ता है। एसटीएफ की जांच के दौरान कांग्रेसी विधायकों ने इस संबंध में विधानसभा में भी आरोप लगाए हैं। आरोपी उम्मीदवारों ने मूल निवास प्रमाण पत्र गलत इसलिए लगाया ताकि उनके सिलेक्शन पर किसी तरह सवाल न उठाए जा सके।
जांच पर क्या असर?
सरकार से जुड़े बड़े नाम जांच के दायरे में आएंगे। वजह यह है कि गलत तरीके से भर्ती होने वाले उम्मीदवार उनके नजदीकी रहे हैं। आरोप हैं कि इसी नजदीकी का फायदा उठाकर उन्होंने परीक्षा में धांधली को अंजाम दिया।