सतना। क्या आप मान सकते हैं कि एक मास्टर किसी कलेक्टर पर इस कदर भारी पड़ सकता है कि कलेक्टर के आदेश ही गायब करवा दे। जी हां, सतना में ऐसा हुआ है। मामला है सरकारी स्कूल को बारात घर के रूप में चलाने का। शासकीय माध्यमिक शाला कोलगवां को वहां पदस्थ शिक्षक और कर्मचारी नेता केजी द्विवेदी द्वारा बारात के रुकने के लिए किराए पर दिया जाता था।
जबकि जिला दण्डाधिकारी के स्पष्ट आदेश हैं कि कोई भी प्रबंधन विद्यालयों को बारात के लिए अनुमति नहीं देगा। आदेश को धता बता कर बारात रुकवा कर कमाई करने का मामला प्रकाश में आने पर कलेक्टर ने शिक्षक केजी द्विवेदी को न केवल निलंबित किया बल्कि उसके खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दिए। यहां तक तो ठीक रहा।
लेकिन इसके बाद केजी द्विवेदी ने अपना मायाजाल इस कदर फैलाया कि डीईओ कार्यालय में कलेक्टर का आदेश दबा दिया गया। इसके बाद ठप्पे से द्विवेदी नौकरी कर रहे हैं उधर कलेक्टर मान के चल रहे कि वे निलंबित हो गए हैं।