भोपाल। हड़ताली पंचायत सचिवों, सहायक सचिवों और मनरेगा कर्मचारियों व सरकार के बीच अब ठन गई है। सरकार के रवैये से खफा हड़ताल कर रहे सचिवों और मनरेगा कर्मचारियों ने कई जिलों में सामूहिक तौर पर इस्तीफे दे दिए हैं। इधर शासन ने भी कार्रवाई का अल्टीमेटम देकर अपने इरादे जाहिर कर दिए।
संगठनों के पदाधिकारियों दिनेश शर्मा व रोशन परमार का कहना है कि सरकार से बातचीत के रास्ते खुले रखे थे, तीन बार आवेदन भी दिए। सरकार सुनने को तैयार नहीं है। पंचायतों में काम ठप है। परमार ने दावा किया कि खंडवा, होशंगाबाद समेत कई जगह रोजगार सहायकों को नौकरी से निकाल दिया। अफसरों के आदेश पर कर्मचारियों की सैलरी काट ली गई। इसके विरोध में 25 जिलों में साथियों ने इस्तीफे थमा दिए। जिपं भोपाल के सीईओ ने फंदा व बैरसिया के सीईओ को आदेश दिए हैं कि सचिव तीन दिन में हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।