
पहले यह मूर्ति पुराने थाने में रहती थी और यहीं इसकी पूजा होती थी लेकिन जब नया थाना बनाया गया और वो दूसरी जगह शिफ्ट हो गया तो तब से इस मूर्ति को थाने में ही रखा जाता है। महाशिवरात्रि के मौके पर सुबह पांच बजे भोलेनाथ को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए नए थाने से पुराने थाने लाया गया। दिनभर श्रद्धालुओं के दर्शन के बाद शाम को भगवान शिव को पूरे सम्मान और परंपराओं का पालन कर नए थाने में विराजित किया गया।
बताया जाता है कि कोई 50 साल पहले किसी विवाद के चलते यह प्रतिमा थाने में पुलिस सुरक्षा में ले ली गई थी। तब से ना तो वो विवाद सुलझा और ना ही प्रतिमा पुलिस हिरासत से मुक्त हो पाई।