नईदिल्ली। इन दिनों एक विचारधारा विशेष के लोग अक्सर यह दोहराते हैं कि जिसे हमारी शर्तें स्वीकार नहीं वो देश छोड़ दें। इस राजनैतिक विवाद में तो शायद किसी ने देश नहीं छोड़ा, अलबत्ता भारत के 4000 करोड़पति व्यापारियों ने देश छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल कर ली। अब आप इसे किसी का इफेक्ट कहें या इत्तेफाक परंतु इतनी बड़ी संख्या में अमीरों का देश छोड़ देना अपने आप में एक बड़ी घटना है।
बीते साल देश छोड़कर बाहर बसने वाले अमीरों में भारत का दुनिया में चौथा स्थान रहा। न्यू वर्ल्ड वेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 4000 करोड़पति भारतीयों ने दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण कर ली। नागरिकता बदलने वाले करोड़पतियों में फ्रांस का पहला स्थान पर रहा, इस अवधि में फ्रांस के 10 हजार अमीरों ने दूसरे देश की नागरिकता ले ली। इस सूची में चीन का तीसरा स्थान पर रहा। वहीं दूसरे देश से आकर बसने वालों की सूची में आस्ट्रेलिया टॉप पर रहा, इस देश की नागरिकता लेने वाले अमीरों की संख्या आठ हजार रही।