छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कथित टेप मामले में नई राजनीतिक केमिस्ट्री देखने को मिल रही है. इस मामले में जोगी खेमे ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर यह कहते हुए हमला बोला है कि वह जोगी को टेप मामले में फंसाने वालों की मदद कर रहे हैं. इस हमले में मध्य प्रदेश के व्यापमं कांड की तरफ इशारा करके जिस तरह से दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा गया है, उससे आने वाले दिनों में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी के बीच तेज घमासान होना तय है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल और विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस की अनुशासन समिति में देने के लिए टेप की जांच बेंगलुरू की टूथ लैब में कराई है.
बताया जा रहा है लैब ने टेप में जोगी की आवाज होने की पुष्टि की है. जोगी कैम्प ने लैब की रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है. वहीं जोगी के राजनीतिक सचिव अशोक शर्मा ने इस मामले में बकायदा बयान जारी करके कहा कि यह वही लैब है, जिससे व्यापमं कांड में राघोगढ़ के राजा (दिग्विजय सिंह) ने एक्सल सीट की जांच कराई थी.
शर्मा के अनुसार बेंगलुरू की लैब की रिपोर्ट को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और ऐसा ही हश्र जोगी टेप पर दी गई रिपोर्ट का होगा. कहा यह भी गया है कि उक्त लैब ने टेप से छेड़छाड़ की है और उसकी रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया जा सकता.
जोगी के राजनीतिक सचिव ने कहा कि सरगुजा के पूर्व राजा (सिंहदेव) आउट सोर्सिग की बजाय छत्तीसगढ़ के व्यक्ति से सलाह लें क्योंकि छत्तीसगढ़िया की योग्यता बाहरी से कम नहीं है.
आउटसोर्सिग और बाहरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके जोगी कैम्प के नेता ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को इस मामले में बघेल-सिंहदेव का सलाहकार बताया है. इस हमले का फिलहाल दिग्विजय कैम्प ने कोई जवाब नहीं दिया है. दिग्विजय कैम्प इसी कोशिश में लगा है कि टेप मामले में जोगी को बड़ा सबक सिखाया जाए.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने यह सवाल किए जाने पर कि क्या उन्होंने टेप की जांच कराई है तो उन्होंने इससे इंकार किया और कहा कि संभवत: किसी निजी व्यक्ति ने कराई है. हालांकि दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ़ के नेताओं से इस बात से नाखुश हैं कि उन्होंने टेप मामले में लैब की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों किया. कांग्रेस के दो बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह और अजित जोगी के बीच छिड़ी जंग से कांग्रेस दिग्विजय बनाम अन्य में भी बंट सकती है. संभवत: जोगी अपने मामले में लाभ लेने के लिए इसी कोशिश में है. कांग्रेस में दिग्विजय के खिलाफ भी बड़े नेताओं का एक वर्ग है.