DATA ENTRY JOB के बहाने करोड़ों का चूना लगा गई Q7 Technologies

इंदौर। घर बैठे डाटा इंट्री जॉब का झांसा देकर इंदौर की कंपनी Q Seven Technologies ने सैकड़ों लोगों को करोड़ों की चपत लगा दी। कर्ताधर्ता एक साथ छह शहरों में ताले लगाकर फरार हो गए। 200 से अधिक युवक-यवतियों ने तुकोगंज थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। गुरुवार को सूरज, अहमदाबाद, वड़ोदरा, जयपुर व राजकोट में कंपनी के ऑफिस में दिनभर प्रदर्शन चलता रहा। पुलिस ने आरोपियों के खाते सीज कर दिए हैं।

Q7 Technologies कंपनी का मुख्यालय साउथ तुकोगंज स्थित रायल इस्टेट बिल्डिंग में है। फरियादी रोहित पिता बीके शर्मा निवासी काछी मोहल्ला दोपहर को कई युवक-युवतियों के साथ थाने पहुंचा और क्यू सेवन कंपनी के कर्ताधर्ता जाफर अली, सिद्धार्थ के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। शर्मा के मुताबिक कंपनी ने होम बेस जॉब का लालच देकर लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की है। मैंने 1 लाख 20 हजार रुपए जमा किए थे। कुछ दिनों तक कंपनी ने पेमेंट किया और अचानक गायब हो गई। सुबह जैसे ही लोगों को ठगी की सूचना मिली तो वे ऑफिस पहुंचे। कर्मचारी रितू, राजकुमारी और प्रीति से पूछताछ की तो बताया कि बुधवार शाम तक एचआर हेड विश्वाराव, आदित्य संपर्क में थे। रात को उन्होंने कहा मुंबई में मीटिंग चल रही है। इसके बाद मोबाइल स्विच्ड ऑफ हो गया।

मंगेतर से 7 लाख रुपए लेकर किया था इंवेस्ट
एएसआई एमरकस टोप्पो के मुताबिक सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों के खाते सीज करने के लिए बैंकों को लेटर लिख दिया। कर्मचारी प्रीति ने बताया मैं कंपनी में जॉब करती थी। आरोपियों पर विश्वास कर मैंने 7 लाख रुपए इंवेस्ट कर दिए थे। रुपए मंगेतर से लिए थे। उन्होंने शादी के लिए जमा रखे थे। फरार होने की सूचना मिलते ही मैं खुद थाने पहुंच गई। दोनों का रिकॉर्ड और फोटो पुलिस को सौंप दिया है। इसी प्रकार दो अन्य महिला कर्मचारियों ने भी ढाई लाख रुपए गंवाए है।

मकान, जेवर तक रख दिए गिरवी
पीड़ितों ने पुलिस को बताया अधिक रिटर्न और मोटी कमाई के लालच में लोगों ने 50 हजार से लेकर 32 लाख तक इंवेस्ट कर दिए। कई लोगों ने जेवरात और मकान गिरवी रख दिया। पीड़ित हर्ष उपाध्याय के मुताबिक मैंने 8 लाख 70 हजार रुपए इंवेस्ट किए थे। 4 लाख 50 हजार रिश्तेदार से उधार लिए थे। कंपनी से मिला रिटर्न भी जमा कर देता था। इसी प्रकार राम पाटीदार, स्वपनिल, अनूज, कपिल आदी ने भी लाखों रुपए लगा दिए थे।

ऐसे फैलाया ठगी का जाल
पीड़ित प्रियंका परमार के मुताबिक आरोपी ने सितंबर 2014 में घर बैठे डाटा इंट्री का कारोबार शुरु किया। मेंबर बनाने के एवज में 10 हजार रुपए जमा करवाए। इस पर हर महीने 3 हजार रुपए 30 महीने तक रिटर्न का झांसा दिया। लोगों को रिटर्न मिला तो रिश्तेदार, दोस्तों से भी रुपए इंवेस्ट करवा दिए। कई लोग तो रिटर्न मिलने वाली राशि भी वापस जमा करवा देते थे। उनके द्वारा मेंबर बनाने पर 10 प्रतिशत कमिशन मिलता था।

गुजरात-राजस्थान में जांच
जैसे ही ठगी की सूचना मिली अन्य शहरों में भी हड़कंप मच गया। आरोपी द्वारा हेड ऑफिस इंदौर में बताया गया था। सूरत पुलिस ने प्रधान आरक्षक पवन ठाकुर को कॉल कर कंपनी की जानकारी मांगी। ठाकुर ने बताया कंपनी भाग चुकी है। लोग थाने पर बैठे हुए है। इसी प्रकार राजस्थान पुलिस ने भी जांच शुरु कर दी।
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