
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ने मंडला और बालाघाट में कमलनाथ की सभा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को लेकर की गई टिप्पणी के प्रमाण जुटा रहा है। इसके लिए दोनों सभाओं की सीडी बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन को लेकर जो आरोप लगाए हैं, उसका ब्योरा भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को सौंपा जाएगा।
दरअसल, प्रदेश में काफी दिनों से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर बातें सामने आती रही हैं लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक की पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई संभागीय समीक्षा बैठक में भी भोपाल से लगे एक जिले के अध्यक्ष की प्रदेश अध्यक्ष से तू-तू, मैं-मैं तक हो गई थी पर उसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अनुशासनहीनता के प्रकरणों पर कार्रवाई करने के लिए प्रदेश स्तरीय समिति बनाने का प्रस्ताव भी लंबे समय से अटका हुआ है। जिला व ब्लाक संगठन में पदाध्ािकारियों को बदले जाने की कोशिशें भी काफी समय से चल रही हैं पर इसे अमलीजामा अब तक नहीं पहनाया जा सका है।
सूत्रों का कहना है कि मंडला और बालाघाट में जिस तरह से मौजूदा और पूर्व विधायकों ने कमलनाथ को कमान सौंपने की बात उठाई, उसके पीछे अनिर्णय की स्थिति को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अभी संघर्ष के दौर में है। बीजेपी सरकार की असलियत उजागर करने और कार्यकर्ताओं से संवाद के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जन विश्वास पदयात्रा कर रहे हैं। संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय जल्द ही होंगे।