
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती को याद करते हुए शरीफ ने कहा कि वाजपेयी साहब ने इस बात की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि जनाब एक तरफ तो लॉ ऑफ डिक्लियरेशन हो रहा है और दूसरी तरफ कारगिल की मिसएडवेंचर देकर पीठ में छुरा घोंपा गया।
नवाज शरीफ ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी साहब ठीक कहते हैं। उनकी जगह मैं भी होता तो यही कहता। उनकी पीठ में वाकई छुरा घोंपा गया था। शरीफ ने मजबूरी जताते हुए कहा कि लेकिन मैं ये गिला (शिकायत) किससे करूं अब। उन्होंने कहा कि जिस रब (भगवान) को आप मानते हैं। उस रब को हम भी मानते हैं। उनसे ही गिला करूं।
वर्ष 1999 में पाकिस्तान से एक ओर वार्ता का दौर जारी था तो दूसरी तरफ सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई थी। इसकी परिणति कारगिल युद्ध के रूप में हुई थी। पाकिस्तान में उस वक्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे और भारत में उस समय एनडीए की सरकार थी जिसकी अगुवाई तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर रहे थे। करगिल युद्ध 1999 में हुआ था और इसमें भारत के कुल 527 जवान शहीद हुए थे।