हरियाणा में हिंसक हुआ आरक्षण आंदोलन

रोहतक में जाट आरक्षण को लेकर जारी आंदोलन गुरुवार को हिंसक हो गया, जिसमें कम से कम 15 लोग घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पहले रोहतक और झझर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। वहीं, टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस गतिरोध पर कोई रास्ता निकालने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने शहर की सड़कों को घेरे बैठे आंदोलकारियों से मुक्त कराने के लिए फ्लैग मार्च किया। उधर, रोहतक में अदालत परिसर के बाहर कारोबारियों और वकीलों की तीखी झड़प हो गई, जिसमें कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

जिला अदालत के वकील अदालत परिसर के बाहर ओबीसी श्रेणी में जाट समुदाय को शामिल नहीं किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे कि उसी समय शहर के कारोबारी जुलूस की शक्ल में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी और तनाव बढ़ गया।

पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान अज्ञात लोगों ने कुछ मोटरसाइकिलों को आग लगा दी और पथराव किया। रोहतक शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है।

उधर, चंडीगढ़ में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की एक आपात बैठक में इस संबंध में फैसला किया। मुख्यमंत्री ने जारी आंदोलन से उत्पन्न हालात की भी समीक्षा की। कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि प्रशासन और पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और सरकार ने हालात से निपटने के लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं।

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