
कार्यकर्ता रामलीला से ठेले पर पुतला लेकर नारेबाजी करते हुए जय स्तंभ चैराहे पर पहुंचे जहां पर पूर्व विधायक ने कहा कि राष्ट्र के खिलाफ अगर आवाज उठता है तो वह देशद्रोही है अगर कोई व्यक्ति किसी को उकसाने का काम करता है तो वह 120बी का मुलजित बन जाता है। कोई भी संविधान राष्ट्रद्रोह की अनुमति नहीं देता है। केवल अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की स्वतंत्रता है। देशद्रोह की बात करने वाले, और देशद्रोहियों के शमर्थन करने वाले को जूते ही मारे जाने चाहिए। जनता द्वारा इसलिए वोट दिए है कि वह का विकास करें न कि इसलिए वोट दिए है कि देष की सर्वोच्च संसद में जाकर देशद्रोहियों का समर्थन करें।
उन्होने कहा कि सिंधिया खानदान तो पूर्व से ही गददार है रानी लक्ष्मीवाई आदि के साथ सिंधिया खानदान के द्वारा पूर्व में भी गददारी की गई है। ऐसा व्यक्ति कुछ अलग कैसे कर सकता है वह तो उसी परंपरा को बढ़ा रहा है जिसको उसके पूर्वज करते आ रहे है। यह गददार है और हमेशा गददारी करने वालो सबक सिखाना जरूरी है। सिंधया खानदान द्वारा तीन बार गददारी की गई है। मीरजाफर और जयचंद के बाद ज्योतिरादित्य अपना नाम चाहते है। उन्होने कहा कि हूजूर आते है और हूजरे ताली बजाते है। उनके द्वारा कहा कि उददारों को किसी भी प्रकार से बख्शा नहीं जाए। और जूते मारते हुए आग लगानी चाहिए। ज्योति बावू तक यह बात पहुंचना चाहिए की अगर गददारी करोगे। तो देष के लोग तुमको छोडेगे। मुंगावली के इतिहास में पहली बार सिंधिया का पुतला जलाया गया है भाजपा द्वारा ताकत दिखाई गई है।