
इनवेस्टमेंट करने या बैंक अकाउंट खोलने के लिए जरूरी नो योर कस्टमर प्रॉसेस में भी थर्ड जेंडर ऑप्शन नहीं दिया गया है। भारतीय पासपोर्ट में यह ऑप्शन १० साल पहले वर्ष २००५ में दिया गया था। एलआईसी ने जहां इस कदम को आसानी के साथ लागू कर दिया। वहीं, ज्यादातर इंश्योरेंस वंâपनियों के लिए इस ऑप्शन को ऐड करना थोड़ा मुाqश्कल हो सकता है। इसका कारण है कि एलआईसी जेंडर के हिसाब से अलग प्रीमियम चार्ज नहीं करती है। मगर, दूसरी वंâपनियां जीवन प्रत्याशा ज्यादा होने के चलते फीमेल से कम चार्ज करती हैं। इन वंâपनियों को थर्ड जेंडर के लिए प्रीमियम प्राइिंसग की जद्दोजहद से गुजरना होगा।