गोपाल भार्गव को मिला 37 दागी अफसरों का जत्था

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव अपनी छवि चमकाने की जुगत में लगे हैं, लेकिन उनके अपने विभाग में दागी अफसरों की लम्बी कतार लगी हुई है। 10-20 नहीं, पूरे 37 दागी अधिकारी उनके विभाग में महत्वपूर्ण पदों पद जमे हुए हैं। अब वो यहां तक जुगाड से पहुंचे हैं या माननीय मंत्रीजी की मर्जी से, यह अनुसंधान का विषय हो सकता है लेकिन पुख्ता तथ्य यह है कि इन अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के अलावा पुलिस ने केस दर्ज कर रखे हैं। विभाग ऐसे अफसरों को नियम विरुद्ध पदोन्नति देने तक का काम भी कर रहा है। 

ऐसा ही मामला हरदा जिले में पदस्थ ग्रामीण यंत्री सेवा के कार्यपालन यंत्री का भी है जिन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विभागीय जांच चलते रहने के बावजूद पदोन्नत कर दिया है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में हरदा जिले में कार्यपालन यंत्री रहने के दौरान दीपक काटेकर को पदोन्नति दी गई थी। इसके तहत  24 जून 2015 को पदोन्नत कर काटेकर को अधीक्षण यंत्री बना दिया गया। इसकी जानकारी मिलने के बाद अक्टूबर 2015 में आयुक्त नर्मदापुरम संभाग ने शासन को पत्र लिखकर बताया कि 18 जून से काटेकर के विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है। हालांकि जांच प्रतिवेदन में उनके विरुद्ध आरोप प्रमाणित नहीं होना पाए गए हैं। अब जबकि विभागीय जांच चालू रहने के दौरान काटेकर को पदोन्नति दे दी गई तो ऐसे में विभाग ने इस पूरे मामले का परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।

इन अधिकारियों पर दर्ज हैं केस
विकास आयुक्त कार्यालय में अतिरिक्त संचालक पद पर पदस्थ सुरेश्वर सिंह जिला पंचायत सीईओ बड़वानी के विरुद्ध 21जनवरी 2014 को बड़वानी के खेतिया थाने में धारा 409, 420 का केस दर्ज है। इनके खिलाफ मनरेगा की 4 प्रतिशत राशि से विश्राम गृह तथा कर्मचारी भवन का निर्माण कराए जाने की अनियमितता के चलते केस दर्ज हुआ है। मनरेगा आयुक्त ने इस मामले में इंदौर संभागायुक्त से दस्तावेज मांगे हैं जो दिए नहीं गए। इतना ही नहीं पंचायत विभाग के अफसरों ने उन्हें आरोप पत्र ही समय पर नहीं दिया। इसका फायदा उठाते हुए जीएडी के नियमों के आधार पर उन्होंने पदोन्नत कर दिया गया है।

पंचायत राज संचालनालय में संयुक्त संचालक के पद पर पदस्थ सबीना निनामा के विरुद्ध ईओडब्ल्यू में केस दर्ज है। निनामा ने तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत उज्जैन के विरुद्ध शासकीय सेवा के दौरान खदानों की नीलामी से अपने पद का दुरुपयोग कर शासन को हानि पहुंचाई थी। न्यायालय में चालान पेश होने के बाद केस विचाराधीन है पर विभागीय जांच में इन्हें निर्दोष बताया जा चुका है।

परियोजना अधिकारी उदय प्रताप सिंह पर वर्ष 2001 से डीपीआईपी परियोजना प्रबंधक नरसिंहपुर रह प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने के दौरान 25 हजार की रिश्वत लेने का केस दर्ज किया गया था। अभी इनके विरुद्ध केस विचाराधीन है।

लोकायुक्त का केस जेपी श्रीवास्तव तत्कालीन कार्यपालन यंत्री खंडवा, अनिल चौरे तत्कालीन सहायक यंत्री. नवीन कमठान तत्कालीन एसडीओ, एमएस यादव तत्कालीन एसडीओ तथा बीएल मंडराई तत्कालीन उपयंत्री के विरुद्ध भी दर्ज है।

ये भी हुए दागदार
जो अन्य अधिकारी दागदार हुए हैं, उनमें मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार में पदस्थ परियोजना प्रबंधक एके जैन, जिला पंचायत धार में पदस्थ सहायक यंत्री अरविन्द कुमार तिवारी, खरगौन जनपद पंचायत में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री जय कुमार श्रीवास्तव, इछावर जनपद में पदस्थ सहायक यंत्री खुमान सिंह प्रजापति तथा रीवा में ग्रामीण यांत्रिकी में पदस्थ परियोजना प्रबंधक उपेन्द्र मिश्रा के नाम हैं। इनके साथ ही शहडोल मे पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री आरईएस आरके श्रीवास्तव के विरुद्ध भी कार्रवाई न्यायालय में चल रही है। वहीं सहायक यंत्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को सेवा से पृथक किया गया है औरप्रभारी कार्यपालनयंत्री और सहायक यंत्री  एसएस अली, अशोक मेहरे, शकली अहमद अंसारी रिटायर हो गए हैं। केएस मिर्धा प्रभारी कार्यपालन यंत्री निलंबित किए गए हैं। मोतीलाल खत्री सीईओ जनपद खाचरोद, रामनिवास शर्मा सीईओ जनपद श्योपुर, कंचल डोंगरे सीईओ सिवनी तथा मनीष भारद्वाज तत्कालीन सीईओ बड़वाह के विरुद्ध भी अनियमितता के मामले में कार्रवाई होनी है।

जल संसाधन से आए और किया भ्रष्टाचार
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पदस्थापना वाले जिन अन्य अफसरों के विरुद्ध केस दर्ज है और उन पर कार्यवाही की गई है, उनमें जल संसाधन मुख्यालय में लाइट मशीनरी नलकूप एवं गेट संभाग के प्रभारी सहायक यंत्री रफीक मोहम्मद खान, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा गैरतगंज में एसडीओ के पद पर पदस्थ सहायक यंत्री वीवी अहिरवार, मनरेगा विकास खंड रामपुर नैकिन सीधी में पदस्थ सहायक यंत्री एसएस द्विवेदी, जनपद पंचायत बड़वाह खरगौन में पदस्थ सहायक यंत्री एलम सिंह तोमर के नाम शामिल हैं। इनके अलावा घोड़ाडोंगरी में पदस्थ प्रभाई एसडीओ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आरएस खरे, जनपद पंचायत आठनेर में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री महेश कुमार जैन के विरुद्ध भी जांच चल रही है। ये सभी अधिकारी जल संसाधन विभाग के हैं।
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