
नवंबर से चल रही प्रक्रिया
कम छात्र संख्या स्कूलों को बंद कर छात्र व शिक्षकों को पास की दूसरी स्कूलों में मर्ज करने की प्रक्रिया नवंबर से ही शुरू हो गई थी।
26 जनवरी तक राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षा केन्द्र को 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की जानकारी भेजने के निर्देश दिए थे।
निर्णय लिया गया कि जिन स्कूलों में कम छात्र हैं उन्हें शिक्षण सत्र 2016-17 में आखिरी मौका दिया जाए यदि इसके बाद भी छात्र संख्या नहीं बढ़ी तो स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरु की जाए।