
यह व्यवस्था शिक्षण सत्र 2015-16 में प्रवेश ले चुके छात्रों पर लागू हो गई है। इनकी संख्या करीब 50 हजार है। परीक्षा 25 जनवरी से शुरू होगी। आरजीपीवी के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. मोहन सेन का कहना है कि नए सिस्टम के बाद से बैक लगने और फेल होने जैसी समस्याओं से विद्यार्थियों को छुटकारा मिल जाएगा।
यह नए बदलाव भी
अब छात्रों को थ्योरी में पास होने के लिए 18 नंबर की जरूर होगी। थ्योरी के नंबरों में प्रैक्टिकल के अंक जुड़ेंगे तो उनका प्राप्तांकों का प्रतिशत बढ़ जाएगा। नई व्यवस्था में एक सेमेस्टर 1 हजार अंक का रहेगा। पहले यह 700 अंकों का रहता था। इसमें तीन विषय जुड़ जाने से यह 1 हजार अंक का होगा। नए विषयों में एनवायरमेंटल साइंस, इंट्रोडक्शन टू मैकेनिकल इंजीनियरिंग और कम्यूनिकेशन, कप्यूटर प्रोग्रामिंग, रूरल आउटट्रेस सहित अन्य विषय शामिल हैं।
छात्र अपनी पसंद के तीन विषय चुन सकते हैं। इनकी परीक्षा कराने और नंबर देने की जिम्मेदारी कॉलेज की रहेगी। हर विषय 100 नंबर का रहेगा। इन विषयों में प्रैक्टिकल भी रहेंगे। नए सिस्टम में ऑनलाइन प्रैक्टिकल की व्यवस्था भी रहेगी। ऑनलाइन प्रैक्टिकल 30 अंकों का रहेगा। इसके लिए विद्यार्थियों को पंजीयन कराना होगा। पंजीयन की प्रक्रिया विवि ने शुरू कर दी है।