
ये भी थे दौड़ में
इससे पहले जावेद दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय में तैनात थे. सियासी हलके में जिन तीन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा थी, उनमें आईपीएस विजय कुमार गुप्ता, प्रवीण सिंह और जावेद का नाम शामिल था. यूपी सरकार ने शुक्रवार को जावेद के नाम पर मुहर लगाई. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था नए डीजीपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
रंजन द्विवेदी थे सबसे सीनियर
प्रदेश में सबसे सीनियर रंजन द्विवेदी थे, जो 1979 बैच के आईपीएस हैं. उनके बाद 1980 बैच के डीजी (ट्रेनिंग पद पर तैनात) आईपीएस सुलखान सिंह का नंबर था. सीनियरों की इस लिस्ट में 1981 बैच के एमके सिन्हा और विजय सिंह का नाम भी शामिल था. लेकिन जावेद ने 15 सीनियर अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए डीजीपी का पद हासिल किया.