
कलेक्टर जल रोकने की विधियां सहज तरीके से समझा रहे थे। उन्होंने समझाया कि बालों के कारण यह पानी कुछ रुककर धीरे-धीरे बहकर निकला है। सामने बैठे एक बुजुर्ग के सपाट सिर की ओर इशारा किया और कहा कि यदि यही पानी इनके सिर पर डाला जाता तो बहने में जरा भी देर नहीं लगती। यही हाल है नदी किनारे के कटाव का। यदि हम शिप्रा के किनारे पर पेड़-पौधे लगाएंगे तो निश्चित ही कटाव रुकेगा। ग्रामीणों ने शिप्रा के तट पर हरियाली की चादर फैलाने का संकल्प लिया।
झाड़ी है मां का आंचल
कलेक्टर ने गांवों के भ्रमण के दौरान नीम बीज रोपने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने गत एक साल में जिले में चलाए गए नीम बीज रोपण अभियान को और आगे बढ़ाने का आह्वान किया। कलेक्टर ने कहा कि झाड़ी इन बीजों के लिए मां के आंचल का काम करती है। इन्हें पनपने में सुरक्षा प्रदान करती है। ग्राम टिगरिया, टिनोन्या, पटाड़ा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को वचन दिया कि आगामी मौसम में वे निंबोली का रोपण अवश्य करेंगे।