न्यूयॉर्क। अमेरिका अब अपने कैदियों से जेल का किराया वसूल रहा है। जेल से बाहर निकलने पर कैदियों को लंबा-चौड़ा बिल थमाया जा रहा है। जैसे कोई होटल में जितने दिन रहता है, होटल की जितनी सुविधाओं का फायदा उठाता है, उन सबका बिल चेक आउट करने पर चुकाना पड़ता है। अब अमेरिका की जेलों में कैदी आते हैं, अपनी सजा पूरी करते हैं और जब उनकी सजा पूरी होती है तो रिहाई के साथ-साथ एक बिल भी थमा दिया जाता है।
अमेरिका की जेलों में बंद कैदी धीरे-धीरे दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क को कंगाल बना रहे हैं। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति ने माना है कि अमेरिका की जेलों का खर्च बढ़ता जा रहा है। हर साल अरबों रुपए जेलों के रखरखाव पर खर्च हो रहा है। यानी लोगों के टैक्स से हो रही कमाई का बड़ा हिस्सा वहां खर्च हो रहा है, जहां से कमाई की कोई उम्मीद नहीं है।
कैदियों पर होने वाले खर्च से बचने को अमेरिका ने निकाली ये तरकीब अमेरिका अब अपने कैदियों से जेल का किराया वसूल रहा है। जेल से बाहर निकलने पर कैदियों को लंबा-चौड़ा बिल थमाया जा रहा है। जैसे कोई होटल में जितने दिन रहता है
कैदियों को दी जाने वाली सुविधाओं, सुरक्षा के ताम-झाम, खाना और साफ-सफाई के मामले में अमेरिकी जेलों का कोई मुकाबला नहीं है। पैसे बचाने के लिए इनमें से किसी चीज में कटौती नहीं की जा सकती। सुरक्षा में कटौती करने पर खतरा बढ़ जाने की आशंका है। दूसरी सुविधाओं में कमी करने पर मानवाधिकार संगठनों के आवाज उठाने का डर है। ऐसे में ये तरीका निकाला गया कि कैदियों से ही जेल में रहने का भाड़ा वसूला जाए।
बता दें कि जेल में रहने का भाड़ा उन्हीं कैदियों से वसूला जा रहा है, जो बार-बार एक ही अपराध के लिए जेल में आते हैं। इस तरह के ज्यादातर अपराधी ड्रग्स लेने के आदी होते हैं। यानी ड्रग्स लेने के वो आरोपी जो किसी हिंसा में शामिल नहीं होते हैं। उनसे जेल का किराया वसूला जा रहा है।
डेविड महोने को जेल से छूटने के साथ ही करीब 14 लाख रुपए का बिल थमा दिया गया। तय वक्त के अंदर इन्हें ये बिल भरना है। यही कहानी ब्रायन रीड की है। ब्रायन को जेल से रिहा करते वक्त 23 लाख रुपए का बिल दिया गया।
डेविड का कहना है कि जेल से निकलने के बाद वैसे ही एक इंसान की जिंदगी मुश्किल हो जाती है। ऐसी हालत में उससे ये उम्मीद रखना कि वो लाखों रुपए का भाड़ा भरेगा, गलत है। वैसे कैदियों की चाहे जो राय हो, अमेरिकी सरकार का मानना है कि इस तरह के चार्ज से एक तो आदतन अपराध करने वाले बाज आएंगे और इससे कैदियों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।