
वित्तीय सेवा विभाग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 27 बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र भेज कर यह आदेश दे दिए हैं की वे अब से नई नियुक्तियों के लिए इंटरव्यू नही ले और लिखित परीक्षा का कठिनाई स्तर बढ़ाये. ताकि वे बुद्धि परीक्षण (साइकोमेट्रिक टेस्ट) कर सके. विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से लिपिक और अन्य निचले पदो पर नियुक्ति के लिए जो इंटरव्यू लिए जाते हैं उन्हें खत्म करने के लिए ज़रूरी कारवाही 31 दिसंबर 2015 तक जरूरी कार्यवाही के आदेश जारी किये हैं.
मंत्रिमंडल के सचिव की अध्यक्षता में 13 नवंबर को हुई बैठक में सार्वजनिक बेंको के निचले स्तर पर इंटरव्यू नही लेने की बात सचिवो की समिति द्वारा की गयी . प्रधान मंत्री मोदी ने यह घोषणा पहले ही कर चुके हैं कि एक जनवरी 2016 से तीन और चार श्रेणी के पदों के लिये कोई इंटरव्यू नही लिया जायेगा. मोदी ने इसे युवाओ के लिए नये साल का गिफ्ट और इसे भ्रष्टाचार को रोकने कि दिशा में एक अहम कदम भी बताया हैं. वही दूसरी और मंत्रालय और विभाग इंटरव्यू जारी रखना चाहते हैं. इससे सम्बंधित प्रस्ताव के लिए मंजूरी से सम्बंधित प्रस्ताव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजा जायेगा. इससे सम्बंधित रिपोर्ट मंत्रालयों द्वारा 7 जनवरी को भेजी जाएगी.