पूरे सिस्टम पर भारी, नशीली दवाओं के काले कारोबारी

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। इन दिनों युवाओं में बढ रही नशे की लत के चलते फैसीडिल तथा कोरेक्स नामक कफ सायरफ दवाई का इस्तेमाल नशे के लिये किये जाने के कारण इसकी खपत तेजी से बढी हैं। प्रदेश देश ही नही पडोसी देशों में भी इसकी खपत हो रही है कफ सायरप बनाने वाली कंपनियों द्वारा इसकी तस्करी किये जाने की जानकारी मिली है। यह भी पता चला है कि पडोसी देशों द्वारा दवा कंपनी को इसके एवज में भुगतान किया जा रहा है उसमें नकली नोट भी खपाये जा रहे है।

कुछ माह पूर्व कटनी नगर में ड्रग इस्पेक्टर द्वारा एक ट्रक पकडा गया था जिसमें फैसीडिल कफ सायरप भरा हुआ था तथा जिसे  बाग्लादेश भिजाये जाने की जानकारी मिली थी। ड्रग इस्पेक्टर द्वारा ट्रक में पाये लाखों रूपये के स्टाक के संबंध में कंपनी से पूछताछ की गई थी जिसमें पता चला था कि स्टाक में जितनी मात्रा कफ सायरप की पाई गई थी उनके बिल सिवनी, बालाघाट, छिदंवाडा, कटनी तथा जबलपुर के औषधी विक्रेताओं के नाम पर सप्लाई किया जाना बताया गया था यह मामला अखबारों में भी प्रकाश में लाया गया था लेकिन मामला ठण्डे बस्ते में डाला दिया गया।

बालाघाट जिला मुख्यालय के 4 नामचीन औषधी विक्रेताओं के नाम से भी बिलिंग की गई थी। यह उल्लेखनीय है कि फैंसीडिल कफ सायरप बनाने वाली कंपनी इंदौर की दवा कंपनी को ग्वालियर के ड्रग इस्पेक्टर द्वारा नोटिस जारी कर पूछा गया है कि ग्वालियर चम्बल संभाग में होलसेल तथा रिटेलर दवा व्यावसायी की फैंसीडिल की मासिक डिमांड कितनी है और कंपनी द्वारा उन्हें कितना माल सप्लाई किया जा रहा है।

ड्रग इस्पेक्टर द्वारा यह कार्यवाही इस अंचल में हो रही फैसीडिल कफ सायरप की तस्करी रोकने के लिये की है। ग्वालियर संभाग से फैंसीडिल कफ सायरप बाग्लादेश भिजवाया जा रहा है इस बात का प्रमाण पुलिस को तब मिला था जब करीब 9 माह पहले पुलिस ने नकली नोट खपाने वाले 4 लोगों को पकडा था जिसमें से 2 बाग्लादेश की सीमा से सटे मालदा पश्चिम बाग्ला के रहने वाले थे उन्होने पूछताछ के दौरान पुलिस को यह बताया था की ग्वालियर से फैसीडिल कफ सायरप बाग्लादेश भेजा जाता है तथा उसके भुगतान के एवज नकली नोट दिये जाते है। 

गत 1 नवंबर को ग्वालियर के दवा विक्रेता परमानंद टेडर्स द्वारा दिल्ली भेजे जा रही तथा 23 नवंबर को मुरैना से ग्वालियर लाई जा रही 5-5 लाख रूपये से अधिक की फैंसीडिल कफ सायरप से भरे ट्रक पकडे, 5 नवंबर को दौलदगंज में भी औषधी विक्रेता के यहां इस कफ सायरप की भारी मात्रा बरामद की थी जिसे बाग्लादेश भेजा जाना था। 
बहोडापूर में पकडी गई कफ सीरप की सेम्पल की रिपोर्ट आज  तक नही आई, 23 नवंबर 2014 को पकडी गई फैंसीडिल में नारकोटिक्स एक्ट के तहत बहोडापूर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

इस कफ सायरप की तस्करी की बढती हुई तादात को देखते हुये ग्वालियर के ड्रग इस्पेक्टर संजीव जादौन ने फैसीडिल कफ सायरप बनाने वाली कंपनी एबौट हेल्थकेयर को नोटिस जारी कर पूछा है की ग्वालियर संभाग के किस दवा विक्रेता ने 1 साल में कितनी मात्रा में दवा की डिमांड की और उन्हंे कितनी मात्रा सप्लाई की गई।

यह गौरखधंधा जबलपुर संभाग में भी चलाया जा रहा है कटनी में बनाये गये मामले के आधार पर समूचे संभाग में फैंसीडिल कफ सायरप की खपत की जांच प्रत्येक थोक औषधी विक्रेता से की जाये तो संभाग से भी बाग्लादेश भिजाये जाने का मामला उजागर होगा तथा इस माध्यम से नकली नोट खपाये जाने की बात भी प्रकाश मंे आयेगी।

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