मिर्जापुर/ लखनऊ। महिला सशक्तिकरण के युग में वह सबके लिए प्रेरणास्रोत बन सकती थी लेकिन समाज ने उससे प्रेरणा लेना तो दूर उसे अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करने की ऐसी क्रूर सजा दी जिससे कोई भी सिहर जाए।
यूपी के मिर्जापुर कस्बे से 25 किमी दूर शिवगढ़ गांव में एक दलित महिला के चुनाव जीतने का खमियाजा बेटी को भुगतना पड़ा है। चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी ने बदला लेने के लिए 11वीं में पढऩे वाली उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म किया। मिर्जापुर के पडऱी ब्लॉक में रहने वाली दलित महिला पति की मौत के बाद बेटी और मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटे की देखभाल करती थी, खेतों में काम करती थी।
उसने हाल ही में हुए बीडीसी सदस्य का चुनाव जीत लिया। ऐसे में हारने वाले प्रत्याशी के भाई ने हार का बदला लेने के लिए बच्ची के साथ रेप किया। बीडीसी चुनाव जीतने वाली महिला जब अपनी बेटी को लेकर पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गई तो पुलिस ने भी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए मौखिक आश्वासन देकर उन्हें वापस भेज दिया। इसके बाद नाबालिग लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। चुनाव जितने वाली महिला ने अब खुद ही दबंगों के डर से घर से निकलना बंद कर दिया है। उसने खाना-पीना छोड़ दिया है।