इंदौर। शराब कारोबारी रामस्वरूप शिवहरे, लक्ष्मी नारायण शिवहरे और साझेदारों पर तीन दिन से जारी आयकर विभाग की कार्रवाई शनिवार को थम गई। 55 ठिकानों पर जारी जांच के अंतिम दौर में एक दर्जन ठिकानों को सील कर दिया गया। इस बीच शराब तस्करी के सिंडिकेट में शामिल लोगों के नाम भी टीम को हाथ लगे हैं।
जांच में पता चला है कि सिंडिकेट के एक शराब तस्कर के बेटे की शादी प्रदेश में पदस्थ आबकारी अधिकारी की बेटी से इसी महीने होने जा रही है। इस सिंडिकेट ने आबकारी अधिकारी को धार-झाबुआ क्षेत्र में हिस्सेदार बना रखा है।
इंदौर में दो ठिकानों पर शुक्रवार को जांच खत्म कर दी गई थी शनिवार को शेष 11 ठिकानों पर भी थम गई। अधिकारियों ने दस्तावेजों और डायरियों को खंगालना शुरू कर दिया है। सोमवार से लॉकर भी खुलने लगेंगे।
आयकर सूत्रों के मुताबिक, शराब कारोबारी पूरे प्रदेश में सिंडिकेट बनाकर काम कर रहे थे। इस दौरान फैक्टरियों से पूरे माल का सौदा कर लिया जाता है। छोटे व्यापारियों को भी इनसे ही शराब खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। शराब के दाम भी ये ही तय करते हैं।
10 साल पहले था सेल्समैन, अब है बॉस
बताया जा रहा है कि जिस तस्कर के बेटे की शादी आबकारी अधिकारी की बेटी से होने जा रही है। वह इस वक्त शराब सिंडिकेट की अगुआई करता है। दस साल पहले वह एक शराब फैक्टरी में सेल्समैन था। इंदौर के कमला नेहरू नगर के फ्लैट में रहने वाले इस तस्कर का अवैध कारोबार में बड़ा हिस्सा है। चंडीगढ़ से लेकर गुजरात तक प्रदेश से तस्करी की जा रही है। हाल ही में गुजरात पुलिस भी इसे तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर ले गई थी।