
- संविदा कर्मचारियोें की विभिन्न मांगों जिसमें
- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 2013 में बनाई गई नियमितीकरण की नीति लागू करने,
- संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन देने,
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में बनाई गई नई संविदा नीति के बिन्दु क्र 14 को हटाने,
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने,
- जलग्रहण मिशन के संविदा कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों के समान मंहगाई भत्ता देने,
- बीआरजीएफ के डाटा एन्ट्री आपरेटरों और उपयंत्रियों को अन्य परियोजना में संविलयन करने,
- नियमित पदों के विरूद्व संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को उन्हीं पदों के विरूद्व नियमित करने,
- भाजपा के घोषणा पत्र में किये गया वादा कि म.प्र. विद्यत विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किये जाने,
- मनरेगा योजना मांग आधारित योजना थी उसे पूर्ति आधारित कर देने से ग्राम रोजगार सहायकों, उपयंत्रियों को वेतन नहीं मिल पाने के कारण परिवार के लालन पालन में हो रही परेशानियों
जैसी आदि समस्याओं को लेकर म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा की । इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चैबें भी मौजूद थे। महासंघ के प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री ने मांगों के शीध्र निराकरण करने का निराकरण करने का आश्वासन दिया । संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए फिर से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा । प्रतिनिधि मण्डल में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, देवेन्द्र उपाध्याय,नाहिद जहां, रमेश तोमर, नाहिद जहां, राघवेन्द्र चंदेल, अमित कुल्हार, माखन सिंह अहिरवार, राकेश खरे, उमाशंकर लांजेवार, रविन्द्र श्रीवास्तव, मोहित गुप्ता, आस्मा खान, दीपक चैधरी,, नीलेश जैन आदि लोग उपस्थित थे ।