
दरअसल, रेंढ़र गांव निवासी संगम जाटव ने बजरंग दल के पदाधिकारियों को सूचना दी कि महीने भर पहले उसे और उसके गांव के दो अन्य युवकों को गांव के ही अवधेश कुमार वाराणसी के कछवां कस्बे ले गया. जहां चर्च के कार्यक्रम में तीनों का धर्म परिवर्तन करा दिया गया. धर्मांतरण के बदले पैसा, नौकरी और शादी कराने का भी झांसा दिया गया. घर लौटने पर उसका मन नहीं माना तो थाने में शिकायती पत्र दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
मामले की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के साथ ही अन्य हिंदुत्ववादी संगठन के पदाधिकारी हंगामा करने लगे. पिछले शुक्रवार को अवधेश कुमार को पकड़ लिया गया और फिर उसका सिर मुड़ाने के बाद शहर में घुमाया गया.
एसपी एन कोलांचि और एएसपी मयफोर्स ने मौके पर पहुंचकर अवधेश और संगम को हिरासत में ले लिया और फिर बजरंग दल कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर शांत कराया गया. अवधेश का कहना है कि वह तीनों युवकों को सत्संग में ले गया था. धर्मांतरण का आरोप गलत है.