
बांद्रा फैमिली कोर्ट में दायर अपनी शिकायत में संजय कपूर ने कहा, 'करिश्मा कपूर ने बतौर मां, पत्नी और बहू अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई. वह बच्चों को हथियार के तौर पर मेरे खिलाफ इस्तेमाल कर रही है. यहां तक कि करिश्मा मुझे अपने बच्चों से भी मिलने नहीं देती है. मेरे पिता यानी करिश्मा के ससुर अपने पोते और पोती से मिलना चाहते थे, लेकिन करिश्मा ने ऐसा नहीं होने दिया. बच्चों को बिना देखे ही वे छह महीने पहले गुजर गए.'
हालांकि, करिश्मा के वकील क्रांति सेठ ने कहा, 'संजय कपूर के सारे दावे झूठे और गलत हैं. हमलोग अदालत से इस बारे में एक्शन लेने की गुजारिश करेंगे. संजय कपूर झूठे आरोप लगाकर बच्चों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हमलोग मीडिया ट्रायल नहीं चाहते हैं.'
याचिका में संजय कपूर ने दावा किया, 'अभिषेक बच्चन से ब्रेकअप के बाद करिश्मा ने उनसे शादी रचाई. बाद में उसने शादीशुदा रिश्ते के लिए मुझे ही कटघरे में खड़ा कर दिया.'
करिश्मा और संजय कपूर के बीच अनबन की बडी़ वजह बच्चों के लिए बना ट्रस्ट फंड भी है. संजय का कहना है कि वह अनमने तरीके से ही करिश्मा को इसका ट्रस्टी बनाने के लिए तैयार हुए थे, लेकिन करिश्मा को यह समझौता भी मंजूर नहीं था. फंड्स का सही इस्तेमाल भी उन्हें ही देखना पड़ता था.
गौरतलब है कि करिश्मा और संजय कपूर की शादी 2003 में हुई थी. दोनों की एक बेटी समायरा है जो 2005 में पैदा हुई और बेटा कियान 2010 में पैदा हुआ. अभी दोनों बच्चे करिश्मा कपूर के पास ही रहते हैं.
बाद में अनबन होने की वजह से करिश्मा कपूर और संजय दोनों आपसी सहमति से तलाक लेने वाले थे, पर नवंबर 2015 में अचानक करिश्मा कपूर ने तलाक की अपील से अपनी मंजूरी वापस ले ली. करिश्मा का दावा था कि तलाक की अर्जी देते समय जो फाइनेंशियल सपोर्ट को लकर उनके पति संजय कपूर से सहमति बनी थी, संजय उन्हें पूरा करने में नाकामयाब रहे हैं.