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क्या है मामला
1 मई 2006 को सिविक सेंटर स्थित समदड़िया मॉल की जमीन की उच्च बोली मेसर्स समदड़िया बिल्डर्स ने लगाई। इसके बावजूद अनुबंधकर्ता संस्था से एक अलग लीजडीड समदड़िया बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड के साथ हुई। इस कंपनी के संचालक किशोर समदड़िया और अजीत समदड़िया है। भूखंड का आवंटन अन्य फर्म के नाम करना पूरी तरह से अंसवैधानिक बताया गया है। इतना ही नहीं इस आवंटन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करना पाया गया है।
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अफसर और कारनामे-
शिवेन्द्र सिंह- तत्कालीन सीईओ जेडीए
समदड़िया बिल्डर्स ने वक्त पर किस्त की राशि जमा नहीं की। इस पर 25 फीसदी राशि करीब 10 लाख 37 हजार रुपये की गलत तरीके से छूट देकर लाभ दिया।
तत्कालीन सहायक यंत्री व्हीके झा,कार्यपालन यंत्री श्याम मंडल, कार्यपालन यंत्री जीएन सिंह, कार्यपालन यंत्री डीएस मिश्रा, अधीक्षण यंत्री टीके आनंद तत्कालीन सीईओ शिवेन्द्र सिंह ने जेडीए से ही करीब 42 लाख रुपये का विद्युतीकरण का काम करवाया। जबकि समदड़िया मॉल इस काम का पैसा देना था।
समदड़िया बिल्डर्स को फायदा देने के लिए मौजूदा अधीक्षण यंत्री टीके आनंद ने 22 मई 2008 को लीजडीड तैयार करने की मंजूरी दी। जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थे। टीके आनंद की सलाह पर ही संपदाअधिकारी श्याम मंडल, सीईओ शिवेन्द्र सिंह ने नियम के खिलाफ जाकर समदड़िया को जमीन का मालिकाना हक सौंप दिया।
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20 को डिस्पैच, तो गई कहां...
समदड़िया मॉल की भूमि आवंटन की जांच करने वाले सीईओ अवध श्रोत्रिय का दावा है कि 20 जनवरी को उनके द्वारा जेडीए अध्यक्ष को रिपोर्ट भेजी गई। बकायदा विभाग से डिस्पैच लेटर गया। अब रिपोर्ट नहीं मिली तो इस में कुछ भी नहीं कह सकता। जांच में समदड़िया मॉल की लीज निरस्त करने की अनुशंसा की गई है। अध्यक्ष की मंजूरी मिलते ही जेडीए को मॉल पर कब्जा लेना चाहिए।
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आएगी तो देखेंगे क्या है मामला
जेडीए अध्यक्ष डॉ.विनोद मिश्रा ने शुक्रवार को भी कहा कि उनके पास समदड़िया मॉल से जुड़े कोई दस्तावेज अब तक नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बनी है जो विभागीय प्रक्रिया के तहत ही उनके पास पहुंचेगी। रिपोर्ट मिलने पर उसका अध्ययन किया जाएगा।
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कटघरे में जेडीए...
सीईओ की रिपोर्ट बनने के बावजूद तीन दिन बाद अध्यक्ष डॉ.विनोद मिश्रा का अनजान बनना राजनैतिक दवाब को बयां करता है।
जेडीए के मौजूदा अधिकारी जांच रिपोर्ट में दोषी बताए गए हैं। यदि रिपोर्ट पर मुहर लगी तो उन पर कार्रवाई भी होगी। ऐसे में मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है।
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मॉल की 44 फीसदी दुकानों का दोबारा होगा आवंटन
जांच रिपोर्ट में समदड़िया मॉल बनाने के बाद प्रमोटर ने आरक्षण नियमों का भी पालन नहीं किया। मॉल में करीब 44 फीसदी दुकानों को शासन द्वारा निर्धारित आरक्षित वर्ग को आवंटित करनी थी, जो नहीं हुआ।