लखनऊ। सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 साल पुराने छह लोगों की हत्या मामले में पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अतीक अहमद और एक अन्य को साक्ष्य के अभाव में सोमवार को बरी कर दिया. वहीं इस जघन्य हत्याकांड में अदालत ने छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि 4 अप्रैल 1995 को इलाहाबाद में हत्या आरोपी अख्तर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस शूटआउट में पांच अन्य लोगों की भी मौके पर मौत हुई थी.
कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए इस हत्याकांड में मुख्य दोषियों वकील मकसूद अहमद, फारुख अहमद, वकील मुस्तफा हसन फारुखी और मुजतबा हसन फारुखी, यात्रा और सगीर को हत्या और हत्या की साजिश में उम्रकैद की सजा सुनायी. अतीक अहमद और खलीकुल्जमा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. आपको
बता दें कि जिन छह लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें से दो वकील हैं जबकि तीन अन्य की मौत सुनवाई के दौरान ही हो चुकी है. फैसले के बाद अतीक अहमद वकील खान शौलत हनीफ ने बताया कि सपा नेता ने खुद ही सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसके बावजूद सीबीआई ने भी अतीक को हत्या की साजिश का आरोपी मानते हुए आरोप पत्र दाखिल किया था.
अतीक अहमद ने फैसले के बाद ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब उनकी निष्ठा अदालत में और बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ यह राजनीतिक साजिश थी. अतीक अहमद ने कहा कि उन्होंने खुद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.