
क्या है रायशुमारी की प्रक्रियाः
प्रत्येक मंडल में रायशुमारी के लिए एक वरिष्ठ नेता को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
मंडल अध्यक्ष के लिए सक्रिय सदस्य मतदान करते हैं।
पोलिंग अध्यक्ष भी मतदान करते हैं।
मंडल के कार्यकर्ताओं से फार्म भराए जाते हैं जो कि संगठन के चुनाव लड़ना चाहते हैं।
रायशुमारी के दौरान 3-3 नाम प्रस्तावित करना होते हैं।
रायशुमारी के आधार पर मंडल अध्यक्षों की घोषणा की जाती है।
दावेदार का एक प्रस्ताव एवं एक समर्थक होना अनिवार्य है।
विशेष सदस्य क्या हैः
मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान ही एक विशेष सदस्य का चुनाव भी मंडल मतदाताओं द्वारा किया जाता है। यह सदस्य जिलाध्यक्ष के चुनाव में मताधिकार का अधिकार रखता है।
मुरार में फटे मतपत्रः
शहीद भगत सिंह मंडल के चुनाव मुरार मदन मोहन मंदिर में हुए, यहां रायशुमारी की जिम्मेदारी पूर्व पार्षद नरेश गुप्ता को सौंपी गई थी। यहां पर जब इंद्रजीत सिंह भदौरिया नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे तो समय खत्म हो चुका था। उस समय तक करीब 80 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। नामांकन पर्चा भरने से रोके जाने पर इंद्रवीर सिंह भदौरिया ने कुर्सियां फेंकना शुरू कर दिया साथ ही जो खाली मतपत्र टेबल पर रखे थे वह भी फाड़कर हवा में उड़ा दिए। इसके बाद चुनाव अधिकारी गुप्ता तमाम मतपत्र समेटकर वहां से निकल गए। चुनाव निरस्त होने की चर्चा हुई लेकिन पार्टी ने इससे इनकार किया है।
महिला कार्यकर्ता को बाहर निकालाः
रामकृष्ण मंडल के लिए रायशुमारी दर्पण कॉलोनी कम्युनिटी हॉल में की जा रही थी। इसी दौरान एक महिला कार्यकर्ता लता भट्ट द्वारा किसी बात पर आपत्ति दर्ज कराई गई। चुनाव अधिकारियों ने महिला कार्यकर्ता को बाहर निकालकर ताला डाल दिया। इसके बाद तमाम कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई और लोगों ने ताले को भी तोड़ने का प्रयास किया। महिला कार्यकर्ता का आरोप था कि चहेतों को अंदर रखा गया है जबकि बाकी कार्यकर्ताओं को बाहर निकाल दिया गया है।
कोटेश्वर मंडल पर भीडः
कोटेश्वर मंडल के चुनाव बहोड़ापुर गरगज कॉलोनी में चुनाव अधिकारी अशोक जादौन के निर्देशन में हुए। यहां पर जब कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ने लगी तो कुछ देर के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया को रोकना पड़ा। हालांकि बाद में समझाईश के बाद भीड़ गायब हो गई और शांतिपूर्ण तरीके से रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी हुई।
अब क्याः
चुनाव अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रपत्र भरकर जमा करा दिए हैं। 6 दिसंबर रविवार को जिला चुनाव अधिकारी द्वारा विभिन्ना मंडलों से आए नामों की सूची की स्क्रूटनी करने के बाद वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाएगी और इसके बाद मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। जैसा की पार्टी में होता रहा है कि इस तरह की रायशुमारी जरूर होती हैं लेकिन पदाधिकारी वे ही घोषित किए जाते हैं जिन्हें वरिष्ठ नेताओं का वरदहस्त प्राप्त होता है। कार्यकर्ता भी जानते हैं कि इस तरह की रायशुमारी केवल दिखावे के लिए होती है। लेकिन वे पार्टी से बंधे होने के कारण वे मुंह खोलने से कतराते हैं।
नजदीकी बने थे अध्यक्ष
चुनाव से पहले पोलिंग बूथ स्तर पर समितियां गठित की गई थीं। इसमें सबसे ज्यादा वे लोग ही अध्यक्ष चुने गए थे जो वर्तमान मंडल अध्यक्ष या पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नजदीक थे।