शाजापुर. बचपन से ही कुदरत कि नाइंसाफी के चलते महज एक पैर के सहारे ही जीवन को जिंदादिली से जीने वाले सिध्दनाथ वर्मा इस समय बच्चों में शिक्षा कि अलख जगा रहे हैं. शाजापुर शहर के हरायपुरा स्कूल में पढ़ाने वाले सिध्दनाथ वर्मा पिछले बीस सालों से अध्यापन कार्य से जुड़े हैं. वर्मा की शारीरिक कमजोरी उनके जीवन में बाधा नहीं बनी, जिससे वे अपनी तीन पहिया गाड़ी से समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं.
पीसीओ चलाकर गरीबी से लड़े
टीचर सिद्धनाथ वर्मा बताते हैं कि बचपन में गरीबी के चलते उन्होंने एक पीसीओ चलाकर अपनी पढ़ाई पूरी की. वे एम.कॉम, वकालत और बी.एड जैसी डिग्रियां अव्वल दर्जे में पास करने के बाद सरकारी स्कूल में शिक्षक के तौर पर चयनित हुए.
इन्हीं हौसलों और प्रतिभा के बूते विकलांग सिद्धनाथ अटल बिहारी वाजपेयी और प्रतिभा पाटिल जैसी नामी हस्तियों से सम्मानित हो चुके हैं. दो बार राष्ट्रपति पदक पा चुके सिध्दनाथ वर्मा कविता लिखने और पेंटिंग्स जैसे शौक भी रखते हैं.