
स्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि आपरेशन शिविर में लापरवाही हुई है। इस मामले में कोई लीपापोती नहीं होने देंगे। गहराई से जांच के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। इसमें इंदौर मेडिकल कॉलेज के डीन और एम्स द्वारा नामांकित विशेषज्ञ को शामिल करेंगे।
इस मौके पर विपक्षी सदस्य मौजूद नहीं थे, उन्होंने स्थगन पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा जवाब देने पर सदन का बहिष्कार कर दिया था। विपक्ष की मांग थी कि इस मामले में मुख्यमंत्री अपना जवाब दें। विपक्ष के बहिष्कार के 10 मिनट बाद मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि यह समिति दवा खरीदी, फ्लूड की गुणवत्ता, उपकरण और ऑपरेशन थिएटर सहित हर पहलू की जांच कर एक माह में जांच रिपोर्ट देगी। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा, फिर वह चाहे अफसर हो या दवा निर्माता कंपनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस मामले को तब तक खत्म नहीं होने दूंगा जब तक इसके पीछे के हाथ सामने न आ जाएं।