
मामला डॉ भीमराव अम्बेडकर विवि के सत्र 2013-14 का है। बीएड के इस सत्र की प्रवेश कराने की जिम्मेदारी शासन ने गोरखपुर की दीनदयाल विश्वविद्यालय को सौंपी थी। विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा के बाद करीब 13349 अभ्यर्थियों को प्रवेश के लायक पाया और उनके डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 190 कॉलेजों को अलॉट कर दिया गया।
आगरा में 12 हजार लोगों ने दी बीएड की परीक्षा, 20 हजार हुए पास डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में एक बड़ा मामला सामने आया है जहां बीएड मे प्रवेश लेने वाले छात्र करीब 12 हजार थे लेकिन परीक्षा में 20 हजार से ज्यादा छात्रों को शामिल किया गया
इसके बाद उनमे से करीब 12822 अभ्यर्थियों ने कॉउन्सलिंग स्टूडेंट के माध्यम से प्रवेश लिया और विश्वविद्यालय ने उनकी परीक्षा कराने की शुरुआत की लेकिन बाद मे कॉलेजों ने शासन के एक आदेश का हवाला देखकर हाईकोर्ट के आदेश से बाकी खाली सीटों पर 20097 स्टूडेट्स को प्रवेश करा दिये और उनकी परीक्षा भी करा दी।
लेकिन मामले के सामने आते ही विश्वविद्यालय ने अब 12822 अभ्यर्थियों के ही रिजल्ट जारी करने की बात कही है बाकी कॉ़लेजों के बिना कॉउन्सिंग के परीक्षा देने वाले स्टूडे्ट्स के रिजल्ट को विश्विद्यालय ने रोक लिया है और अब कोर्ट के आदेश से ही उनका रिजल्ट जारी करने की बात की जा रही है संभव है कोर्ट के आदेश के बिना इन छात्रों का रिजल्ट भी न निकले।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय से मान्यता सभी कॉलेजों को मिलाकर बीएड में 12,097 सीटें हैं। ऐसे में इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर 20,089 अभ्यर्थियों के रिजल्ट क्यों बना दिए गए।