ऐसा क्या हुआ जो अवार्ड विजेता पुलिस अफसर हारा जिंदगी की जंग

दमोह। चतुभुर्ज चढ़ार यूं तो मप्र पुलिस का एक हेड कांस्टेबल मात्र है परंतु उनकी योग्यता का लोहा बड़े बड़े अधिकारी भी मानते थे। श्री चढ़ार कई पुरुस्कार जीत चुके थे, इसमें राष्ट्रपति अवार्ड भी शामिल है। उन्होंने कई ऐसे मामलों को सुलझाया जो पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए थे। बावजूद इसके उन्होंने खुद को गोली मार ली। बड़ा सवाल यह था कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो मप्र पुलिस का यह बहादुर जवान जिंदगी की जंग हार गया। 

वे पिछले 31 साल से नौकरी कर रहे थे। मूलत: टीकमगढ़ के देवरदा निवासी चतुर्भुत बनकुर 1984 में ग्वालियर से पुलिस में भर्ती हुए थे। इस दौरान उन्होंने गोवा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के अनेक जिले में सेवाएं दीं। वे 2008 में भोपाल से दमोह में आर्म मोरर के रूप में पदस्थ थे।

एसपी तिलक सिंह ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी ने छोटी जाति के लड़के से लव मैरिज कर ली है। इसी कारण वो तनाव में थे और अंतत: उन्होंने यह दुखद कदम उठा लिया। 

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