ग्वालियर। पूरा एक साल हो गया। कोटेश्वर मंदिर में एक आमसभा के दौरान शिवराज सिंह ने एक निर्धन बच्ची को गोद में उठाया, दुलारा, मंच से उसकी पूरी पढ़ाई कराने वादा किया। बच्ची खिलखिला उठी, भीड़ ने तालियां भी बचाईं, लेकिन उसके आवेदन पर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। गजब देखिए कि कार्रवाई की संभावना भी नहीं है, क्योंकि उसका आवेदन किसी भी विभाग की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं है।
इस बच्ची का नाम नीतू सविता है और वह इस समय शामावि आऊखाना में कक्षा 6 की छात्रा है। परिवार में उसे मिलाकर घर में दो बहनें और दो उससे भी छोटे भाई हैं। पिता विकलांग हैं, जो छोटी-मोटी मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते हैं।
पवैया को दी थी जिम्मेदारी
चूंकि घोषणा सीएम ने की थी और सभा में पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदारी विधायक जयभान सिंह पवैया को दी थी, इसलिए उन्होंने अपनी विधायक निधि से 4 हजार रुपए स्वेच्छानुदान के रूप में बच्ची के खाते में तुरंत भिजवा दिए थे। इसके बाद पवैया को ध्यान नहीं कि उस बच्ची का क्या हुआ।
पी नरहरि थे कलेक्टर
उन दिनों ग्वालियर में पी नरहरि कलेक्टर हुआ करते थे। फेसबुक पर तो तो बड़े संवेदनशील दिखाई देते थे, परंतु उन्होने सीएम को दिया गया वो आवेदन प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया, जिसमें उसकी पढ़ाई का खर्चा सरकार उठाने वाली थी।