अतिथि शिक्षकों को समान वेतन क्यों नहीं: हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अध्यापकों व गुरुजी के समान काम लिए जाने के बावजूद अतिथि शिक्षकों को नाममात्र का मानदेय दिए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं को गंभीरता से लिया। इस संबंध में राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया है। इसके लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया है।

न्यायमूर्ति शील नागू की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता मंडला निवासी दीपचंद साहू सहित 30 अतिथि शिक्षकों का पक्ष अधिवक्ता संजीव चंसौरिया ने रखा। उन्होंने दलील दी कि अतिथि शिक्षकों व गुरुजी की भर्ती प्रक्रिया एक समान है। उनका काम भी एक सा ही है। इसके बावजूद वेतन में आमूलचूल विसंगति देखने को मिल रही है। जहां एक ओर गुरुजी को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 व 3 के पदों पर सीधी भर्ती की सुविधा मिल रही है वहीं अतिथि शिक्षकों की उपेक्षा जारी है। चूंकि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद-14 व 16 के सर्वथा विपरीत है अतः न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ले ली गई।

जबलपुर के अतिथि शिक्षक दोबारा आवेदन करें
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ ने जबलपुर निवासी अतिथि शिक्षक प्रीति यादव सहित 17 की याचिकाओं पर नए सिरे से आवेदन पेश करने की व्यवस्था दे दी है। जिनके आधार पर राज्य को गंभीरतापूर्वक निर्णय लेने कहा गया है।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!