नईदिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा है कि ट्रांसजेंडर उम्मीदवार भी पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन के योग्य है। होईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर के पृथिका याशिनी की याचिका पर यह आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही पृथिका के देश के पहले ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर बनने की राह खुल गई है।
तमिलनाडु यूनीफॉर्म्ड सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड (टीएनयूएसआरबी) ने 8 फरवरी को सब इंस्पेक्टर के 1087 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरु की। चयन के तीन चरण थे, लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा और इंटरव्यू। इसके लिए एक लाख 85 हजार उम्मीदवारों ने आवदेन किया, जिसमें पृथिका भी शामिल थीं लेकिन टीएनयूएसआरबी ने उनके आवदेन को स्वीकार नहीं किया क्योंकि वह आवेदन में दिए गए स्त्री या पुरूष श्रेणी में नहीं थीं।
इस पर पृथिका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने उनको लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया के सभी चरणों को पूरा करना होगा लेकिन अंतिम चरण में टीएनयूएसआरबी ने कई कारण बताते हुए पृथिका का चयन करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि पृथिका शारीरिक परीक्षा में फेल हो गई है। इस पर वह फिर हाईकोर्ट पहुंची।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद बोर्ड आवदेन पत्र में तीसरे जेंडर की श्रेणी को उपलब्ध कराने में असफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता सब इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति के योग्य है। उनको उम्मीद है कि अन्य ट्रांसजेंडरों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए याचिकाकर्ता पूरे लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगी।