इज्ज्त के लुटेरों को पुलिस ने मोबाइल लुटेरा बताया

इंदौर। दो बदमाश शराब के नशे में धुत, चंगुल में एक युवती, जरा बताइए वो क्या लूटेंगे, इज्जत या मोबाइल। इंदौर पुलिस की मानें तो मोबाइल। दीपावली की रात हुए नर्स हत्याकांड का खुलासा करते हुए इंदौर पुलिस ने दावा किया है कि बदमाश मोबाइल लूटना चाहते थे, हत्या उनका इरादा नहीं था, परंतु बीमारी के कारण नर्स की मौत हो गई। 

पुलिस की अपनी ही कहानी उसके दावे का खंडन कर रही है। पुलिस ने बताया है कि दोनों आरोपी लोक परिवहन सेवा के तहत टाटा मैजिक चलाने की काम करते हैं। दीपवाली के दिन मंजू नाम की नर्स अस्पताल से ड्यूटी कर घर लौटने के लिए मैजिक वाहन में सवार हुई थी। दोनों ही आरोपी शराब के नशे में थे। युवती को अकेली देखकर वे उसे लसूडिया इलाके में सुनसान जगह पर लेकर गए। 

युवती के शोर मचाने पर आरोपियों ने उसका गला दबा दिया। चूंकि, मृतका को सांस की बीमारी थी। इस वजह से गला दबाते ही उसक दम घुटने से कुछ ही पलों के भीतर उसकी मौत हो गई। युवती की मौत से घबराए दोनों आरोपी उसका शव एमआर-11 पर खाली प्लॉट पर फेंककर फरार हो गए थे। 

मृतका के मोबाइल फोन के लोकेशन से पुलिस को अहम जानकारियां मिली और इसी आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि पहले माना जा रहा था कि इस हत्याकांड को दुष्कर्म के बाद अंजाम दिया गया लेकिन मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। 

सवाल सिर्फ यह है कि यदि मेडिकल में रेप की पुष्टि नहीं होती तो क्या हमला रेप के लिए नहीं माना जाएगा। क्या पुलिस की अपनी कहानी पुलिस के दावे की पुष्टि कर रही है। कहीं यह आरोपियों को बचाने का कोई षडयंत्र तो नहीं। 
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